दिलेर समाचार नई दिल्ली. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब मुहम्मद यूनुस के हाथ में देश की कमान है. बांग्लादेश में जारी बवाल के बीच पीएम मोदी और मुहम्मद यूनुस की मुलाकात होने वाली है. माना जा रहा है कि बिम्सटेक समिट में पीएम मोदी और नोबेले विजेता मुहम्मद यूनुस की मुलाकात हो सकती है. बैंकॉक में बिम्सटेक समिट 4 सितंबर को होना तय है. बांग्लादेश सरकार के अंतरिम चीफ मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हो सकती है. पीएम मोदी इस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
दरअसल, अगले महीने थाईलैंड बिम्सटेक समिट की मेजबानी कर रहा है. भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार को मिलाकर बने इस बहुपक्षीय संगठन का महत्व हाल के वर्षों में बढ़ा है. इसकी एक वजह भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण 2016 से दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की निष्क्रियता भी है. भारत और बांग्लादेश के बीच बातचीत के लिए बहुत कुछ है. खासकर की नई दिल्ली की करीबी शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद. माना जा रहा है कि पीएम मोदी मुहम्मद यूनुस के सामने बांग्लादेश में हिदुओं पर हुए हमले का मामला उठा सकते हैं.
भारत के लिए तीन बड़ी चिंताएं हैं. चीन का दक्षिण एशियाई देशों की ओर बढ़ता कदम. दूसरी- बांग्लादेश से लगी सीमा. और तीसरी- वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ व्यवहार. चीन पिछले कुछ समय से बंगाल की खाड़ी में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है. म्यांमार और श्रीलंका में पहले से ही उसके कब्जे वाले बंदरगाह हैं. अगर ढाका, नई दिल्ली की ओर झुकाव रखने के बजाय बीजिंग का रुख करता है तो इससे भारत के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. भारत इसे अपने प्रभाव वाला क्षेत्र मानता है. दूसरी समस्या बांग्लादेश में फैली अराजकता से भाग रहे लोग हैं.
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