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पीएम मोदी की कुंडली ने खोला राज, जानें 2019 में कौन बन सकता है देश का प्रधानमंत्री?

Posted at: Mar 30 , 2019 by Dilersamachar 10862

दिलेर समाचार, यहां कुछ बड़े नेताओं की जन्म पत्रिका के बारे में विश्लेषण करेंगे उनमें श्री नरेन्द्र मोदी जी ,श्री अखिलेश यादव जी , सुश्री मायावती जी , श्री राहुल गांधी जी , सुश्री ममता बनर्जी जी , श्री सीताराम येचुरी जी , श्री अजीतसिह जी , श्री चंद्रबाबू नायडू जी ,श्री एच डी देवेगौड़ा जी एवं श्री तेजस्वी यादव जी

श्री नरेन्द्र मोदी जी - भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जन्म पत्रिका में जनता का अधिपति शनि उनके कर्म स्थान में बैठ कर स्वयं  दंडनायक बना हुआ है एवं जनता के समूह का अधिपति गुरू स्वयं जनता के स्थान में बैठा हुआ है जो कि हमेशा जनता का भला ही करवयेगा । लग्न में बैठा हुआ मंगल रूचक योग बनाकर उन्हे एकल निर्णय लेकर उसे लागू करने की क्षमता देता है, और गज केसरी योग उन्हे उत्तम कोटि के भाषण एवं शत्रुहंता बनाता है, और अपने स्वाभविक तेज से ही लोगो का दिल जीतने की क्षमता देता है । यही गज केसरी योग उन्हे लोकप्रिय एवं राजप्रिय बनाता है । वर्तमान में वे चंदमा में शुक्र की दशा से गुजर रहे हैं जो श्रेष्ठ है और गोचर में शनि, राहू व केतु का गोचर उनके किसी भी ग्रह से नही गुजर रहे है । अतः उनके लिये दोबारा प्रधानमंत्री बनना आसन होगा 
श्री अखिलेश यादव जी - उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्म 01 जुलाई 1973 को कन्या लग्न के मेष नवांश और मिथुन राशि में हुआ । लग्नेश एवं कर्मेश बुध भाग्येश शुक्र को के साथ लाभ भाव में बैठे है । जो उन्हे अत्यंत भाग्यशाली बनाता है । नवमेश एवं दशमेश की युति से उत्पन्न राजयोग के कारण वे मुख्यमंत्री के पद तक पंहुचे और दशमस्थ सूर्य एवं शनि ने उन्हे कुशल प्रशासक बनाया परंतु ये पिता से अंतर्विरोध भी बताता है । अभी उनकी दशा ठीक नहीं चल रही है परन्तु वे यदि उत्तर प्रदेश से बाहर अपनी जमीन तलाशेंगे तो वे अपने कुशल नैतृत्व से देश का परिचय करवा सकेंगे यदि वे इस गठबंधन के प्रमुख के रूप में सामने किये जाते है तो परिणाम को वे कुछ हद तक गठबंधन के पक्ष में मोड़ सकते है । वर्तमान गोचर में राहू का भ्रमण उनके चंद्रमा एवं सूर्य के उपर से हो रहा है और वे भी अस्त हुए केतु की दशा से गुजर रहे है उनके लिये अभी दिल्ली दूर ही है ।

सुश्री मायावती जी -उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की की सर्वे सर्वा बहन मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में उनका जन्म हुआ । अपने पिता की इच्छा के विरूद्ध वे मान्यवर कांशीराम जी के कार्यक्रमों से जुड़ी एवं उनका प्रचार प्रसार भी किया । कर्क लग्न एवं मकर राशि की मायावती वर्तमान में बुध की महादशा में शुक्र के अंतर से गुजर रही है ।आठवें शुक्र एवं सूर्य चंद्र की युति ने उन्हे दिल्ली की राजनीति से दूर किया द्वितीयस्थ देवगुरू वृहस्पति ने अपनी महादशा में उनसे शैक्षणिक कार्य करवाया और उन्होनें अपने जीवन की शुरूवात बतौर शिक्षक की उनके पिता चाहते थे कि वे प्रशासनिक सेवा में जायें परन्तु शनि मंगल की युति के कारण वे अपने प्रयासों में सफल नही हो सकी साथ ही राहू होने से उसने शिक्षा व्यवधान में उत्प्रेरक का कार्य किया। उनके लिये दिल्ली दूर ही रहेगी वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में सफल रहेगी गठबंधन उनके लिये सफल नही यदि वे शामिल भी होगई तो वे अगस्त 2019 के बाद कभी भी गठबंधन तोड सकती है । जो कि उनकी सोच से तालमेल नही बैठा पयेगा अतः वे अलग हो जायेंगी ।वर्तमान में राहू एवं केतु का भ्रमण से उन्हे कोई फर्क नही पडेगा हां शनि का भ्रमण उनको 12वां हो जो कष्टकारी होगा ।

श्री राहुल गाधी जी -राहुल गांधी का जन्म 18 जून 1970 को मकर लग्न एवं वृश्चिक राशि मेष नवांश में हुआ है , लग्नेश सुख स्थान में है परन्तु अपनी नीच राशि में भ्रमण कर रहे है , जो कि स्वयं जनता के अधिपति है एवं जनता के स्थान  में बैठे है । जनता के समूह का अधिपति देव गुरू वृहस्पति स्वयं रहुल के कर्म स्थान में बैठे है । भाग्येश भाग्य से नवम में विराजित है परन्तु पाप कर्तरी में है , ग्रह स्थिति बताती है कि वे एक अत्यंत हठी स्वभाव के जनता के बीच काम करके उनके भले के विषय में सोचते है परन्तु चुनाव के समय उनकी दशाये इतनी अनुकूल नहीं रहेगी। वे स्वयं के बल पर काम करना पसंद करेंगे गठबंधन उन्हे पसंद नही अतएव उनकी अध्यक्षता के बिना यह संभव नहीं । अतः वे केवल उन्ही दलो को साथ रखेंगे जो उनकी बात का सर्मथन करेंगे । वर्तमान में उन्हे राहू सूर्य पर से एवं केतु चंद्रमा से भ्रमण कर रहा है जो उन्हे सत्ता से दूर रख सकते है ।सुश्री ममता बनर्जी जी - पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जन्म 05 जनवरी 1955 को मेष लग्न में कोलकाटा में हुआ मेष लग्न के लोगो की विशेषताऐं मेष लग्न वाले आत्मविश्वास से लबरेज होते है शरमाना झिझकना इनके स्वभाव मे नही होता, तथा लम्बे समय तक अपनी रूचि को किसी एक विषय वस्तु पर केन्द्रित नही कर सकते इनके स्वभाव में स्थिरता नही होती इसीलिये ये चलायमान स्वभाव की है । ज्योतिष में कालपुरूष की पत्रिका भी मेष लग्न की ही मानी जाती है ।मेष राशि पूर्व दिशा की स्वामिनी है इसीलिये इसमें सूर्य मेष राशि में उच्च का होता है । उनके जन्म समय पर शश योग था अतः राजयोग वे अपनी किस्मत में लिखवाकर लाई है वे अपने अकेले के बल पर लगातार बंगाल में सरकार बना रही है परन्तु वे गठबंधन उन्हे पसंद नही अतः वे किसी गठबंधन के साथ जुड़ी तो वह गठवंधन खत्म हो जायेगा । वे एक श्रेष्ठ नेता है और रहेंगी परन्तु किसी के साथ जुडकर नही । अकेले वे किसी से भी मुकाबला करने में सक्षम है ।  वर्तमान में केतु व शनि का भ्रमण उनके जन्म के सूर्य पर से हो रहा है । अभी उन्हे दिल्ली पंहुचने में समय लगेगा ।

श्री सीताराम येचुरी जी - 12 अगस्त 1952 को जन्में सीताराम येचुरी मेष राशि में जन्मे है गुरू चंद्र की युति मेष राशि में है और तुला राशि का मंगल सप्तमस्थ है ये तीनो ग्रह मिलकर गजकेसरी योग , महालक्ष्मी राजयोग और मठाधीश योग बनता है जो कि प्रबल राजयोग का निर्माण करता है एवं अतुलनीय संपत्ती का स्वामी बनाता है , परन्तु शनि का कन्या राशि मे भ्रमण और शनि की दशा उनके लिये श्रेष्ठ फलदायी है यदि वे सर्वसम्मती से इस गठबंधन के नेता बने तो बेहतर परिणाम मिल सकते है पर क्या वे सर्वसम्मती के उम्मीदवार होंगे एवं जिस ममता ने उन्हे सत्ता से बाहर किया है वे उनके साथ रह सकते है परन्तु ज्योतिषीय कारणो से वे श्रेष्ठ उम्मीदवार हो सकते है । वर्तमान में राहू व केतु एवं शनि का भ्रमण उनके किसी भी ग्रह से नही हो रहा है अतः चुनाव परिणाम की अनुकूलता पर उनके नाम पर विचार होना चाहिये । उन्हे दिल्ली पंहुचने में आसानी होगी ।

श्री अजीतसिंह जी - 12 फरवरी 1939 को धनु लग्न वृश्चिक राशि व कर्क नवांश में जन्मे अजीतसिंह की जन्म पत्रिका में खंडित राजयोग है धनु लग्न के जातकों के स्वभाव को ठीक तरह से जानने के लिए हमें इस राशि की आकृति और उसके स्वरूप को ढंग से देखना पडेगा जिसमें जिसका आधा धड़ मनुष्य का है और पैर घोडे के है उसने बांये हाथ से धनुष को पकड़ा है एवं दाहिने हाथ से तीर पकड़कर खींच लिया है और तीर छोडनें की तैयार में है , जो कि छूटते ही निशाने पर लग सकता है यह ठीक है कि धनुराशि का प्रत्येक व्यक्ति एक शिकारी का प्रतीक है । परन्तु राशि वृश्चिक होने एवं षष्ठेश का लग्न में होना जो अधिकतर निर्णयो को गलत प्रमाणित करता है और राजयोग भी खंडित है परन्तु वे गठबंधन में सक्रिय भूमिका निभा सकते है । उनकी उम्र साथ नही दे रही है साथ ही राहू , केतु व शनि का भ्रमण उनके सूर्य व चंद्रमा किसी भी ग्रह से नही हो रहा है। वे गठबंधन के अच्छे खिलाडी साबित हो सकते है । 

श्री चंद्रबाबू नायडू जी - 27 अप्रेल 1951 को हैदराबाद में मेष लग्न , धनुराशि और तुला नवांश में जन्में एन चंद्रबाबू नायडू का व्यक्तित्व कुछ इस प्रकार है । मेष लग्न वाले आत्मविश्वास से लबरेज होते है शरमाना झिझकना इनके स्वभाव मे नही होता, तथा लम्बे समय तक अपनी रूचि को किसी एक विषय वस्तु पर केन्द्रित नही कर सकते इनकी गरदन लम्बी होती है, मेष राशि का सिर व चेहरे पर अधिकार है इसीलिये चेहरे से विशेष शक्ति का आभास होता है । लग्न में सूर्य मंगल की उपस्थिति उन्हे अत्यंत उग्र , त्वरित निर्णयी, एवं बोल्ड बनाता है और मंगल से उन्हे रूचक योग भी बनता है जिससे उन्हे राजयोग का सुख मिला परन्तु दशा शनि की और अंतर बुध का होने के कारण उन्होने 2016 के बाद कुछ गलत निर्णय लिये जो उनके लिये अहितकर रहे जिस दिन उन्हे आभास होगा वे सबसे पहले पाला बदलेंगें। और अपने निर्णय को दुरूस्त करेंगे। वर्तमान में केतु व शनि का भ्रमण उनके चंदमा से हो रहा है अतः उनके लिये अभी दिल्ली दूर ही रहेगा वे क्षैत्रिय राजनीति करते रहेंगे।

श्री एच डी देवेगौड़ा जी - पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौडा का जन्म 18 मई 1933 को हासन में हुआ कर्क लग्न एवं कुंभ राशी में जन्मे देवेगौड़ा वर्तमान में चंद्रमा की दशा से गुजर रहे है और चंद्रमा राहू के साथ आठवे स्थान में विराजित है । उनकी पत्रिका में मंगल गुरू चंदमा से सातवे है पर केतु के साथ बैठना खंडित राजयोग सृजित करता है पर शनि शश योग नामक पंचमहापुरूष योग बना रहे है । उनकी दशाये उनके साथ है पर योग तो खंड ही है । अतः उनसे बडी उम्मीद नही है पर उनकी भूमिका अवश्य बडी होगी , या दूसरे शब्दों में उनकी पार्टी की भूमिका बडी रहेगी । उनका समय अभी जनवरी से अनुकूल नहीं है एवं राहू ,केतु व शनि का उनके किसी भी ग्रह से भ्रमण नहीं हो रहा है । वे किंगमेकर हो सकते है ।

श्री तेजस्वी यादव जी -तेजस्वी यादव का जन्म 9 नवंबर 1989 को गोपालगंज बिहार कुभ राशि में हुआ उनकी पत्रिका में सूर्य ,मंगल, बुध, शुक्र, चंद्र, शनि जैसे बडे ग्रह सभी गुरू की दृष्टि में है जो अपने आप में एक श्रेष्ठ पत्रिका होने के संकेत देती है वे बडे नेता के रूप में भले ही सामने न आये परन्तु अपनी भूमिका को लेकर वे संतुष्ट रहेंगे और अपने पिता की विरासत में मिली हुई राजनीति को और पार्टी को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे । चंद्रमा शनि की राशि में और शनि व गुरू से दृष्ट भी है शनि की दृष्टि चंद्रमा को कमजोर करती है वे आंशिक ही सही पर राजनीति में सफल हो सकेंगे व गठबंधन में भी सफल रहेगें। वर्तमान में उन्हे राहू केतु एवं शनि का भ्रमण किसी भी ग्रह से नही हो रहा है । 

(ज्योर्तिविद कालज्ञ पं. संजय शर्मा 9424828545, 9893129882)

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