दिलेर समाचार, नई दिल्ली/भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 12,000 गांवों में निर्मित 1.75 लाख आवासों का लोकार्पण कर 1.75 लाख परिवारों को गृह प्रवेश कराया. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एक संबोधन में पीएम ने कहा कि गरीबी को हटाना है तो गरीब को ताकतवर बनाना होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य ही गरीबों को सशक्त बनाना है और इसका परिणाम भी नजर आने लगा है. उन्होंने कहा कि इस बार आप सभी की दीवाली, आप सभी के त्योहारों की खुशियां कुछ और ही होंगी. कोरोना काल नहीं होता तो आज आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने के लिए आपके घर का एक सदस्य, आपका प्रधानसेवक आपके बीच होता.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का ये दिन करोड़ों देशवासियों के उस विश्वास को भी मज़बूत करता है कि सही नीयत से बनाई गई सरकारी योजनाएं साकार भी होती हैं और उनके लाभार्थियों तक पहुंचती भी हैं. जिन साथियों को आज अपना घर मिला है, उनके भीतर के संतोष, उनके आत्मविश्वास को मैं अनुभव कर सकता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक घर बनाने में औसतन 125 दिन का समय लगता है. कोरोना के इस काल में पीएम आवास योजना के तहत घरों को सिर्फ 45 से 60 दिन में ही बनाकर तैयार कर दिया गया है. आपदा को अवसर में बदलने का ये बहुत ही उत्तम उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि इस तेज़ी में बहुत बड़ा योगदान रहा शहरों से लौटे हमारे श्रमिक साथियों का. हमारे इन साथियों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का पूरा लाभ उठाते हुए अपने परिवार को संभाला और अपने गरीब भाई-बहनों के लिए घर भी तैयार करके दे दिया. मुझे संतोष है कि पीएम गरीब कल्याण अभियान से मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों में करीब 23 हज़ार करोड़ रुपए के काम पूरे किए जा चुके हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अभियान के तहत घर तो बन ही रहे हैं, हर घर जल पहुंचाने का काम हो, आंगनबाड़ी और पंचायत के भवनों का निर्माण हो, पशुओं के लिए शेड बनाना हो, तालाब और कुएं बनाना हो, ग्रामीण सड़कों का काम हो, गांव के विकास से जुड़े ऐसे अनेक काम तेज़ी से किए गए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में पुराने अनुभवों का अध्ययन करके, पहले पुरानी योजना में सुधार किया गया और फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में बिल्कुल नई सोच के साथ योजना लागू की गई. इसमें लाभार्थी के चयन से लेकर गृह प्रवेश तक पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई. मटीरियल से लेकर निर्माण तक, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध और उपयोग होने वाले सामानों को भी प्राथमिकता दी जा रही है. घर के डिजायन भी स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक तैयार और स्वीकार किए जा रहे हैं. पूरी पारदर्शिता के साथ हर चरण की पूरी मॉनीटरिंग के साथ लाभार्थी खुद अपना घर बनाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले गरीब सरकार के पीछे दौड़ता था, अब सरकार लोगों के पास जा रही है. अब किसी की इच्छा के अनुसार लिस्ट में नाम जोड़ा या घटाया नहीं जा सकता. चयन से लेकर निर्माण तक वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीका अपनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालय हों, इनसे गरीब को सुविधा तो मिल ही रही है, बल्कि ये रोज़गार और सशक्तिकरण का भी ये बड़ा माध्यम हैं. विशेषतौर पर हमारी ग्रामीण बहनों के जीवन को बदलने में भी ये योजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं.
पीएम ने कहा कि इसी 15 अगस्त को लाल किले से मैंने कहा था कि आने वाले 1 हज़ार दिनों में देश के करीब 6 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा किया जाएगा. पहले देश की ढाई लाख पंचायतों तक फाइबर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, अब इसको गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है. जब गांव में भी जगह-जगह बेहतर और तेज़ इंटरनेट आएगा, जगह-जगह वाईफाई हॉटस्पॉट बनेंगे, तो गांव के बच्चों को पढ़ाई और युवाओं को कमाई के बेहतर अवसर मिलेंगे. यानि गांव अब WiFi के ही हॉटस्पॉट से नहीं जुड़ेंगे, बल्कि आधुनिक गतिविधियों के, व्यापार-कारोबार के भी हॉटस्पॉट बनेंगे.
ये भी पढ़े: Coronavirus Vaccine India: कोरोना की देसी वैक्सीन को मिली बड़ी सफलता, मिला ये रिजल्ट
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar