दिलेर समाचार, नई दिल्ली। राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीनचिट दे दी है। माना जा रहा है कि कैग रिपोर्ट मामले में भी वह कांग्रेस की लड़ाई के आधार को खारिज कर देगी। विपक्ष से सपा और बसपा ने भी कोर्ट का कहा मानने के संकेत दिए हैं, लेकिन, कांग्रेस राफेल की जंग जारी रखना चाहती है।
उसने अब सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट देने वाला अपना फैसला वापस लेने की अपील की है। साथ ही गलत जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने की मांग भी की है। कांग्रेस ने संसद में विशेषाधिकार के तहत मामला चलाने की भी चेतावनी दी है।
वहीं भाजपा इस मामले को भुनाने में लगी है और वो देशभर में 70 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। इन प्रेस कॉन्फ्रेंसेस में बीजेपी के प्रवक्ता, मंत्री, वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री और यहां तक कि बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देंगे
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर फैसले में तथ्यात्मक सुधार की बात की है। उसमें कहा गया है कि सरकार की ओर से कैग और पीएसी को लेकर जो जानकारी दी गई थी, वह फैसले में अलग तरीके से पेश हो गई है। इससे संशय पैदा हो गया है। अतः कोर्ट उसी परिप्रेक्ष्य में अपना आदेश संशोधित कर दे, जिस तरह सरकार ने जानकारी पेश की थी। सरकार के आवेदन से स्पष्ट है कि चूक आदेश टाइप करने में हुई है। लेकिन, कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहीं है।
पार्टी नेता आनंद शर्मा ने चूक का ठीकरा न सिर्फ सरकार पर फोड़ा बल्कि कार्रवाई की भी मांग कर दी। इसी बहाने उन्होंने जेपीसी से राफेल मामले की जांच की मांग भी दोहराई।
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