दिलेर समाचार, मुंबई. भारतीय रेलवे मरे हुए चूहों को ढूंढ़ने के लिए स्टेशनों की ‘एंडोस्कोपी’ करेगा. यह सुनकर थोड़ा अटपटा सा जरूर लग रहा होगा, लेकिन यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. रेलवे अधिकारी के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत भी मुंबई से हो चुकी है.
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे स्टेशनों के वेटिंग हाल में, रनिंग रूम में, आफिस, कैंटीन या ऐसी जगह चूहे मर जाते हैं, जिन्हें ढूंढ़ने में परेशानी होती है. वहीं, दुर्गन्ध की वजह से यात्रियों और रेलवे के स्टाफ का बैठना मुश्किल होता है. इस संबंध में आ रही शिकायतों के बाद मध्य रेलवे ने मरे चूहों को खोजने के लिए दो अत्याधुनिक बोरोस्कोपिक कैमरे लिए हैं.
इसमें कैमरे आपके पास होता है लेकिन ‘डक्ट’ अंदर छोटी जगह जाता है. उदाहरण के लिए जिस तरह लोगों की इंडोस्पोकी में कैमरा बाहर होता है और ‘डक्ट’ पेट में जाता है. इसी तरह यह काम करेगा. इसके प्रयोग के तौर पर छत वाले क्षेत्र को स्कैन करने के लिए दो बोरोस्कोपिक कैमरों की व्यवस्था की गई , जो साधारण आंखों से नहीं देखा जा सकता था. पूरे क्षेत्र को स्कैन किया गया और इन कैमरों की मदद से कई मृत चूहे पाए गए. इस प्रकार पहचाने गए छत के पैनल को तोड़ा गया और मृत चूहों को हटाया गया.
स्टेशनों की लॉबी, शौचालय, वाशरूम की छत के पीछे कुछ मृत चूहे पाए गए. मृत चूहों को तुरंत हटाकर उनका निपटान कर दिया गया. यहां पर यात्री दुर्गन्ध की शिकायत कर रहे थे. इसी के मद्देनजर यहां पर स्कैन किया गया.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि अभी दो कैमरों की व्यवस्था की गयी है. जरूरत पड़ने पर अन्य स्टेशनों के लिए कैमरों की व्यवस्था की जाएगी. जिससे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
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