दिलेर समाचार, नई दिल्ली। कठुआ एवं उन्नाव में बलात्कार की घटनाओं को लेकर देश भर में व्याप्त रोष के बीच ऐसे मामलों में प्रभावी प्रतिरोधक स्थापित करने तथा लड़कियों में सुरक्षा का भाव पैदा करने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को अदालतों द्वारा मौत की सजा देने संबंधी एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. वहीं कठुआ गैंगरेप पीड़ित के पिता का कहना है कि इस क़ानून से हमें इंसाफ़ मिलेगा.
कठुआ में रेप की शिकार बच्ची के पिता ने कहा कि हम साधारण लोग हैं, हम सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की गहराई नहीं जानते हैं, लेकिन जो भी वे कर रहे हैं अच्छा कर रहे हैं. हम न्याय के लिए आशावादी हैं. एक बच्चा केवल एक बच्चा है जिसमें कोई हिंदू या मुस्लिम नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी गई. सरकार ने देश के कुछ हिस्सों में बलात्कार की घटनाओं पर गंभीर संज्ञान लिया है और ऐसी घटनाओं पर गहरा रोष व्यक्त किया है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिये ठोस उपाय तैयार करने पर जोर दिया गया.
आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य कानून, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) में संशोधन का प्रावधान है. इसमें ऐसे अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा का नया प्रावधान लाने की बात कही गई है. जम्मू कश्मीर के कठुआ और गुजरात के सूरत जिले में हाल ही में लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है. अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
ये भी पढ़े: दिल्ली : लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजता था मर्चेंट नेवी का सीनियर, हुआ अफसर गिरफ्तार
Copyright © 2016-23. All rights reserved. Powered by Dilersamachar