दिलेर समाचार, नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने राज्यसभा (Rajyasabha) से निलंबित सांसदों के सभापति के आदेश के बावजूद सदन नहीं छोड़ने के कदम को अवैध करार दिया. केंद्रीय कानून मंत्री ने सोमवार को कहा कि सभापति के द्वारा निलंबन की घोषणा के बावजूद राज्यसभा को नहीं छोड़ने का निलंबित सदस्यों का आचरण अवैध था. प्रसाद ने कहा कि उनकी यह हरकत सदन के नियमों को न मानने के उनके आचरण में इजाफा करती है. मालूम हो कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने रविवार को सदन में अमर्यादित आचरण को लेकर तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के डेरेक ओ ब्रायन (Derek O Brien) और आप के संजय सिंह (Sanjay Singh) सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
निलंबित किए गए इन सदस्यों ने सभापति के आदेश के बावजूद सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया. वे और कुछ अन्य सदस्य इस दौरान सदन में विरोध जताते रहे. हंगामे की वजह से सदन का कामकाज बार बार बाधित हुआ. इन सांसदों को रविवार को सदन में किए गए हंगामे के लिए निलंबित किया गया था. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के पर्याप्त दृश्य प्रमाण उपलब्ध हैं कि यदि मार्शल (राज्य सभा) के उप सभापति हरिवंश जी की रक्षा नहीं करते, तो उन पर लगभग शारीरिक हमला होता.
रविशंकर प्रसाद ने कहा सरकार के पास कल स्पष्ट बहुमत था, 110 उपस्थित सदस्य कृषि बिल का समर्थन कर रहे थे और केवल 72 सांसद ही विरोध कर रहे थे. हमारे पास निर्णायक बहुमत था. उनका एजेंडा सदन (राज्य सभा) को विधेयकों को पारित करने से रोकने का था.
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