दिलेर समाचार,क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को लताजी अपने बेटे की तरह मानती हैं. सचिन भी उनमें अपनी मां का अक्स देखते हैं. यहां तक की क्रिकेट के तनाव से दूर रहने के लिए वो हमेशा लता जी के गाने सुनते रहते थे. अपने बल्ले से कई शतक जमाकर लताजी का दिल जीतने वाले सचिन कभी अपनी इस 'आई' को उनके बर्थडे पर अपने खेल से यादगार तोहफा नहीं दे सकें.
सचिन ने अपने कैरियर में 28 सितंबर को दो मैच खेले. एक मैच बतौर कप्तान उन्होंने 1997 में पाकिस्तान में खेला था और दूसरा 12 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेंचुरियन में. दोनों वनडे मुकाबले थे. एक में सचिन को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला जबकि एक अन्य पारी में वह केवल दो रन ही बना सके.
सचिन को 28 सितंबर को इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेलने का पहला मौका पाकिस्तान में मिला था. सचिन उस वक्त टीम के कप्तान थे. पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में यह मैच खेला गया था. सचिन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया. दुनिया भर के गेंदबाजों को आसानी से पढ़ने वाले सचिन यहां पिच का मिज़ाज भांपने में गलत साबित हुए.
विकेट से मिल रही शुरूआती मदद से वकार यूनुस ने कहर बरपाया. सचिन के जोड़ीदार सौरव गांगुली खाता खोले बगैर आउट हो गए. भारत इस झटके से संभल पाता इसके पहले ही कुछ गेंदों के अंतराल में सचिन केवल दो रन बनाकर पवेलियन लौट गए. भारतीय पारी 49 ओवर में 170 रन पर सिमट गई और पाकिस्तान ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया.सचिन को अपने करियर में दूसरी बार 28 सितंबर 2009 को वनडे मुकाबला खेलने को मिला था. लेकिन दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के इस मुकाबले में बारिश की वजह से सचिन बल्लेबाजी नहीं कर पाए.
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar