दिलेर समाचार, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव जाने से रोक दिया गया है. इसके बाद वह रास्ते में ही धरने पर बैठ गए हैं. बता दें कि वह सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट की इजाजत से वह मंगलवार को संदेशखाली जा रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘आज अगर हमलोग जाएंगे तो वहां पर बहुत कीड़े मकोड़े बाहर आ जाएंगे. इसलिए हमें नहीं जाने दे रहे हैं. पुलिस के पास कोई कारण नहीं है.’
न्यूज एजेंसी के अनुसार पश्चिम बंगाल के एलओपी और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘वे हाई कोर्ट को चुनौती दे रहे हैं… मैं यहां एक घंटे बैठूंगा और फिर हाई कोर्ट जाऊंगा. यह एक संवैधानिक उल्लंघन है. वे न्यायपालिका की अवज्ञा कर रहे हैं और हमारे संविधान को चुनौती दे रहे हैं.’
रोके जाने पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हाई कोर्ट की अनुमति हमारे पास है और अभी तक आपको किसी अदालत का कोई आदेश नहीं मिला है. ये कह रहे हैं कि हम नहीं जा सकते. इसके बारे में दो बातें कहना चाहता हूं- आज सुबह नौ बजे से आपने नए सिरे से धारा 144 लागू कर दी है. लेकिन धारा 144 लगाने के इस आदेश से मेरा और शंकर घोष का कोई वास्ता नहीं है. माननीय हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नेता प्रतिपक्ष और सिलिगुड़ी के विधायक शंकर घोष इस इलाक़े में जा सकते हैं.’
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया जिसने अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक अन्य विधायक शंकर घोष को मंगलवार को संदेशखालि जाने की अनुमति दी थी. पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा के सोमवार के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की.
खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य भी शामिल थे जिसने भाजपा नेता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके लिए तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर कोई भी समर्थक या पार्टी से जुड़ा व्यक्ति उनके साथ न जाए. इससे पहले पुलिस ने यह कहते हुए अधिकारी को संकटग्रस्त क्षेत्र में जाने से रोक दिया था कि वहां निषेधाज्ञा लागू की गई है.
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