दिलेर समाचार, (नीरज शर्मा)। यह विश्व बहुत से छोटे-बड़े, ताकतवर-कमजोर,अमीर- गरीब देशों को अपनी गोद में समाए हुए है।जिनमें से एक देश भारत भी है।भारत बाकि देशों के साथ होने के बावजूद भी सब देशों से अलग दिखाई देता है।भारत का रूतबा विश्व में ऐसा है कि बड़े से बड़ा राष्ट्र इसके सामने नतमस्तक होता रहा है।यदि हम गौर से देंखे तो इस रूतबे की नींव को मजबूती देती है यहां की सर्वधर्म एकता,अखण्डता और संस्कृति।यह विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां हर धर्म के लोग पूर्ण सुरक्षा और पूर्ण सम्मान से रहते है।हां मैं यह मानता हूं और यह भी एक सच्चाई है कि कभी कभी बहुत से राजनेता और राजनितिक दल अपनी रोटिया सेकने के लिए भड़काऊ बयान-बाजी और साम्प्रदायिक उन्माद फैलाते रहते हैं।इनके साथ-साथ भारत विरोधी बाहरी ताकतें और आतंकवादी भी अपना पूरा बल इस एकता को तोड़ने के लिए लगाते रहते है और पिछले 75 सालों से लगातार इस एकता को तोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं परन्तु उनकी हर कोशिश को भारत में रहने वाले सभी धर्मो के लोग अपनी जान पर खेल कर नाकाम करते रहे है।देश के दुश्मनों को हर नाकामयाबी पर यह बात अच्छे से समझ आ जाती है कि जब जब इस देश का हिन्दू, मुस्लमान,सिक्ख,ईसाई एक साथ तन के खडा होगा तो उसे हराना मुश्किल ही नही पूर्णतः नामुमकिन है।इस सर्वधर्म एकता की शक्ति हमें इस बार के क्रिकेट विश्व कप मुकाबलों में अच्छे से देखने को मिल रही है।इस बार की भारतीय टीम किसी एक खिलाड़ी के प्रदर्शन की मोहताज नही है।ज्यादातर मुकाबले सभी खिलाडियों के साझा प्रयासों से जीते जा रहे हैं।इन जीतों में सर्व धर्म एकता की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के ईसाई अध्यक्ष रोजर बिन्नी की टीम में हिन्दू बल्लेबाज 'द हिट मैन' रोहित शर्मा एक सिक्ख नवयुवक शुभमन गिल के साथ पारी की शुरुआत करता है।विराट कोहली सहित बाकी हिन्दू,मुस्लिम, सिक्ख बल्लेबाज उनका बाखूबी साथ देते है।वहीं गेंदबाजी की शुरुआत एक सिक्ख तेज गेंदबाज बूम-बूम जसप्रीत बूममरा करता है जिसका साथ मुस्लिम तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज देता है। इनके बाद रविंदर जडेजा,कुलदीप यादव, मोहम्मद शम्मी जैसे हिन्दू मुस्लिम गेंदबाज अपना जलवा बिखेरते हैं।क्षेत्ररक्षण में भी हिन्दू,सिक्ख, मुसलमान फील्डर विरोधियों को बांध के रखते हैं।यही तो है भारत की असली तसवीर जहां सभी धर्म के लोग एक साथ मिल के शत्रु को मुंहतोड उत्तर देते हैं।यदि 1983 विश्व चैम्पियन टीम की बात करें तो वो टीम भी सर्वधर्म सम्पन्न थी।बलविंदर संधु सिक्ख, रोजर बिन्नी ईसाई, सईद किरमानी मुसलमान।सुनील गावस्कर, पाटिल,श्रीकांत, मदन लाल,अमरनाथ के साथ हिन्दू कप्तान कपिल देव की सधी हुई कप्तानी विरोधियों को मुंह तोड जबाब दे विश्व कप जीत के लाई थी। 2007 के 20-20 विश्वकप में रोबिन उथप्पा ईसाई, मोहम्मद कैफ,इरफान मुस्लिम,हरभजन, युवराज सिक्ख खिलाडी हिन्दू साथीयों सहवाग, गौतम और धोनी की कप्तानी में विश्व चैम्पियन बने थे।2011 के विश्व कप में जहीर खान, युसफ मुस्लिम युवराज सिंह,हरभजन सिक्ख, सचिन तेंदुलकर,गंभीर, सहवाग,नेहरा,कप्तान धोनी जैसे हिन्दू खिलाड़ी एक ईसाई कोच गैरी कर्स्टन के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से विश्व विजेता बने थे।इस विश्व कप में सभी खिलाड़ी अपना अपना किरदार बेहद अच्छे से निभा रहे है। उदाहरण के तौर पर रविवार को हुआ इंग्लैंड से मुकाबला सर्वधर्म सम्पन्न का सशक्त उदाहरण है।कप्तान रोहित ने बेहतरीन पारी खेलते हुए सूर्यकुमार और राहुल के साथ की पार्टनरशिप के बदौलत भारत ने 229 रनों का लड़ने योग्य परन्तु छोटा स्कोर खड़ा किया तो भारतीय गेंदबाजों शम्मी,बूमरा, कुलदीप ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड के सशक्त बल्लेबाजी क्रम को लक्ष्य से 100 रन पहले ही ढेर कर दिया।अब यदि देश में सभी धर्मो के लोग आपस में धार्मिक द्वेष,वैर छोड़ अपनी और देश की तरक्की को लक्ष्य बना एक दूसरे का साथ देते हुए आगे बढ़े तो ऐसा कोई क्षेत्र नही जहां भारतीय अपना झण्डा ना फहरा सके।फिर विश्व में ऐसा कोई देश नही होगा जो हमें टक्कर दे सके।यहां मैं एक बात स्पष्ट कर दूं की जो राजनेता जनता से वोट ऐठने के लिए धर्म की दुहाई देते हुए कहते हैं कि हमें वोट दो हम बस तुम्हारे धर्म वालों को छोड़ इनको-उनको बाकि सब को देश से बाहर कर देंगे वे सरेआम झूठ बोलते हैं।कोई किसी को देश से बाहर नही निकाल रहा और ना ही निकाल सकता है।सब ने यहीं रहना है हमें भी उन्हें भी,अब थोड़ा बुद्धि पर जोर देकर हमें भी सोचने की जरूरत है और उन्हें भी सोचने की जरूरत है कि हमारा भला व तरक्की आपस में लड़ते हुए इकट्ठे रहने में है या सौहार्दपूर्ण माहौल में एक दूसरे का साथ देते हुए इकट्ठे रहने में है।
ये भी पढ़े: अब LAC पर भारत ने तैनात किए प्रचंड अटैक हैलिकॉप्टर