दिलेर समाचार, शनि को न्याय का देवता माना जाता है, ऐसे में शनि के द्वारा कर्म के तहत दंड दिए जाने के चलते ही लोग इसकी दशा को लेकर काफी परेशान रहते हैं। यहां तक कि इसे क्रूर ग्रह तक माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं? कि जिस किसी पर शनि प्रसन्न हो जाते हैं। उसे वे बहुत मजबूत स्थिति में ले जाते हैं, यानि मान्यता के अनुसार वे रंक को राजा की स्थिति में ला देते हैं। ऐसे में हर कोई शनिदेव को प्रसन्न करना चाहता है, ताकि उनकी परेशानियों दूर हो सकें।
इस संबंध में ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि धर्म शास्त्रों में कई तरह के पौधों का जिक्र मिलता है जो कि ग्रह-नक्षत्रों संबंधित परेशानियां चुटकियों में दूर कर देते हैं। वहीं जब बात शनि देव के प्रकोप से राहत पाने की आती है तब अन्यं पूजा के साथ ही पीपल वृक्ष के उपायों की बात की जाती है। लेकिन पीपल को घर में लगाने की मनाही है तो कई बार इसकी पूजा कर पाना संभव नहीं होता।
ऐसे में ज्यो तिष शास्त्रन में शनि देव को प्रिय एक अन्यर पौधे का जिक्र मिलता है। मान्यता है कि यदि इसे आप अपने घर में लगाकर, इसकी नियमित रूप से पूजन-अर्चना करें, तो शनि प्रकोप से राहत मिलती है।
पंडित शर्मा के अनुसार ये पौधा है शमी का, जिसके पेड़ की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है। शनिवार को करने वाले यज्ञ में शमी की लकड़ी से बनी वेदी का विशेष महत्व है।
एक मान्यता के अनुसार कवि कालिदास को इसी वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या करने से ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। शमी को गणेश जी का भी प्रिय पेड़ माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की आराधना में शमी के पेड़ की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। भगवान गणेश की पूजा में प्रयोग की जाने वाली इस पेड़ की पत्तियों का आयुर्वेद में भी अत्यधिक महत्व है।
ऐसे समझें इसका महत्व...
हिन्दू धर्म शास्त्रों में शमी के पेड़ का खास महत्व बताया गया है।
: माना जाता है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से घर में शनि का प्रकोप कम होता है। यूं तो शास्त्रों में शनि के प्रकोप को कम करने के लिए कई उपाय बताएं गए हैं, लेकिन इन सभी उपायों में से प्रमुख उपाय है शमी के पेड़ की पूजा।
: ज्योतिष के अनुसार घर में शमी का पौधा लगाकर पूजा करने से कामों में आने वाली रुकावट दूर होती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शमी के पेड़ में शनिदेव का वास होता है।
ये भी है खासियत...
: आयुर्वेद की नजर में शमी अत्यंत गुणकारी औषधि है। कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम लिए जाते हैं। शमी के पेड़ के दर्शन को शुभ माना जाता है।
लोग किसी भी काम पर जाने से पहले इसके दर्शन करते और इसे माथे से लगाते हैं, ऐसे करने से उन्हें उस काम में कामयाबी मिलती है। शमी के पेड़ पर कई देवताओं का वास होता है।
: शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है।
: शमी के पांच अंग, यानी फूल, पत्तियों, जड़, टहनियों और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।
इसके अलावा दशहरे पर भी शमी के पेड़ के पूजन का विशेष महत्व है। वहीं नवरात्र में भी शमी के पेड़ की पत्तियों से पूजन करने का महत्व बताया गया है।
: नवरात्र के नौ दिनों में प्रतिदिन शाम के समय पेड़ का पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है।
: ऐसी मान्यता है कि श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के वृक्ष के सामने अपनी विजय के लिए प्रार्थना की थी।
शमी की पूजा के संबंध में आपके मन में एक सवाल यह भी खड़ा हो सकता है कि इस पेड़ को घर में किस तरफ लगाना चाहिए।
इस संबंध में पं. शर्मा का कहना है कि शमी के पेड़ को घर के मुख्य दरवाजे के बांयी तरफ शनिवार को ओर गमले में या फिर जमीन में लगाएं।
इसके बाद नियमित रूप से हर रोज इसकी पूजा करें, यदि पूजा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर-परिवार के सभी सदस्यों पर हमेशा शनि की कृपा बनी रहती है।
: यदि किसी जातक की राशि में शनि का दोष है, तो इसकी शांति के लिए ज्योृतिष शास्त्रर में शमी पौधे का जिक्र मिलता है। मान्य ता है कि इस पौधे में स्व यं शनि देव का वास होता है। इसलिए शनिवार के दिन इस पौधे को रोपना अत्यंतत शुभ होता है। बता दें कि शनि देव के वास के ही चलते शमी का पौधा किसी भी मौसम में जीवित रह सकता है।
: शमी की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए, लेकिन अगर किसी कारणवश आप पूजा नहीं कर पाते तो शनिवार के दिन शमी के नीचे दीपक जरूर जलाएं। ज्योहतिष शास्त्र के मुताबिक सरसों के तेल का दीपक जलाएं तो यह अत्यंएत शुभ होता है। इससे शनि की साढ़े साती और ढैय्या दोनों से ही राहतत मिलती है।
: इसके अलावा सुबह-सवेरे शमी में जल चढ़ाना भी लाभदायक होता है। इससे शमी की पत्तियां हरी बनी रहती हैं। ज्यो तिष कहता है कि इस पौधे की पत्तियां जितनी हरी होती हैं, जीवन में सुख-समृद्धि भी उतनी ही बढ़ती है।
: ज्योनतिष शास्त्र के मुताबिक शनि के प्रकोप के चलते कई बार एक्सीधडेंट्स या फिर सेहत संबंधी परेशानियां भी लगी ही रहती हैं। यदि किसी के साथ यह दिक्कंतें हों तो वह शमी की लकड़ी का प्रयोग कर सकते हैं।
इसके लिए किसी भी शनिवार को शमी के पौधे से थोड़ी सी लकड़ी तोड़कर काले धागे में लपेटकर धारण कर लें। साथ ही मन ही मन शनि देव से प्रार्थना करें कि जो भी अपराध या गलतियां जाने-अंजाने में आपसे हुई हैं। उनके लिए क्षमा करें और अपनी कृपा दृष्टि बनाएं।
: इसके अलावा शनि की शांति के लिए आप शमी की लकड़ी पर काले तिल से पूजन-हवन कर सकते हैं। इससे भी शनि देव प्रसन्नल होते हैं।
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