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SC ने कहा, लॉटरी-सट्टेबाजी, जुए पर GST लगाना समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं

Posted at: Dec 4 , 2020 by Dilersamachar 9582

दिलेर समाचार, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में गुरुवार को लॉटरी, जुआ और शर्त के खेल पर माल एवं सेवाकर (GST) की वसूली को सही करार दिया. अदालत ने कहा कि यह संविधान के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता और ना ही प्रतिकूल भेदभाव करता है.

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्किल लोडो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज करते हुए केंद्रीय जीएसटी अधिनियम-2017 के तहत सरकार को लॉटरी पर कर लगाने के लिए सशक्त बनाने वाले प्रावधान को बरकरार रखा. इस पीठ में जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी और एम. आर. शाह भी शामिल हैं.

कंपनी ने अपनी याचिका में केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा-2(52) के तहत माल की स्पष्ट व्याख्या करने की मांग की थी. साथ ही लॉटरी पर कर लगाने के संदर्भ में जारी की गयी अधिसूचनाओं पर भी स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया था. कंपनी ने अपनी याचिका में इसे संविधान के तहत व्यापार करने और समानता के अधिकार के संदर्भ में विभेदकारी और उल्ल्ंघन करने वाला बताने की घोषणा करने की मांग की थी.

अदालत ने कहा, ‘अधिनियम की धारा-2(52) के तहत माल की परिभाषा संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करती. ना ही यह अनुच्छेद 366(12) के तहत माल की परिभाषा से टकराव पैदा करती है. अनुच्छेद-366 के 12वें उपखंड के तहत बतायी गयी माल की परिभाषा में धारा-2(52) की परिभाषा निहित है.’ पीठ ने कहा, ‘संसद के पास माल एवं सेवाकर के संदर्भ में कानून बनाने की पूरी शक्ति है.’

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