सुभाष शिरढोनकर
25 साल से भी ज्यादा लंबे कैरियर में अलग अलग तरह की फिल्में और किरदार निभाते हुए शाहरूख खान अपने फैंस के दिलों पर राज कर रहे हैं। शाहरूख खान ने कैरियर की शुरूआत राज कंवर द्वारा निर्देशित ’दीवाना’ (1992) के साथ करते हुए ’चमत्कार’ (1992) ’दिल आशना है’ (1992) और ’ईडियट’(1992) जैसी फिल्में की।
अज़ीज़ मिजऱ्ा द्वारा निर्देशित ’राजू बन गया जेंटलमेन’ (1992) में शाहरूख को पहली कामयाबी मिली। उसके बाद अब्बास मस्तान की ’बाजीगर’ (1993) और ’यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित ’डर’ (1993) के प्रयोगवादी किरदारों में नजर आए।
आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशक के रूप में डेब्यू फिल्म ’’दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे’ (1995) के साथ शाहरूख की जो लवर बॉय की इमेज बनी, उसके बाद शाहरूख इस इमेज के साथ खूब जिये और इसका उन्होंने भरपूर लुत्फ़ उठाया।
लवर बॉय की इमेज शाहरूख के साथ कुछ इस तरह पैबस्त हुई कि उसके बाद उनके द्वारा किए गये प्रयोगात्मक किरदारों को दर्शक सिरे से खारिज करते चले गये लेकिन जब कभी शाहरूख को मौका मिलता वो, अपने किरदारों के साथ नये नये प्रयोग करने की कोशिश करते रहे।
’रब ने बना दी जोड़ी’ (2008) ’चैन्नई एक्सप्रेस’ (2013) और ’हैप्पी न्यू ईयर’ (2014) इन तीन कामयाब फिल्मों के बीच शाहरूख की ढेर सारी फ्लॉप फिल्में आईं। जैसे तैसे शाहरूख का काम चलता रहा लेकिन ’हैप्पी न्यू ईयर’ (2014) के बाद इन पांच साल में शाहरूख की एक भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर वैसी धूम नहीं मचा सकी जिसके लिए शाहरूख खान जाने जाते हैं।
रोहित शेट््टी की ’दिलवाले’ (2015) यशराज द्वारा निर्मित ’फैन’ (2016) और इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित ’जब हैरी मेट सैजल’ (2017) नंे तो शाहरूख के कैरियर का कचूमर ही निकाल दिया। राहुल ढोलकिया की ’रईस’ (2017) से शाहरूख की स्थिति बेहतर बन पाती कि तभी, आनंद एल राय की ’जीरो’ (2018) ने सारी संभावनाओं को तहस नहस कर दिया।
’जीरो’ (2018) की नाकामी ने हर किसी को डरा दिया। खुद शाहरूख के मन में भी कई तरह की आशंकाएं घुमड़ने लगी थीं। वह तय नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें आगे क्या करना चाहिए। ’जीरो’ (2018) से पहले तक पूरी संभावना थी कि शाहरूख यशराज की फ्रेंचाइजी ’धूम 4’ में चोर वाली भूमिका निभाएंगे लेकिन ’जीरो’ (2018) के बाद आदित्य को शाहरूख के साथ ’धूम 4’ बनाना बेहद रिस्की लग रहा है।
पिछले कुछ समय से फिल्म इंडस्ट्री में जिस तरह की फिल्में कामयाबी हासिल कर रही हैं उससे साफ हो चुका है कि कंटेंट, स्टार पर भारी है। शाहरूख भी इससे अंजान नहीं हैं। इसलिए उनकी सारी दिलचस्पी अब कंटेट वाली छोटे बजट की फिल्मों में नजर आने लगी है।
खबर हैं कि शाहरूख ’बधाई हो’ और ’अंधाधुन’ फेम डायरेक्टर्स अमित शर्मा और श्रीराम राघवन के साथ काम कर करने जा रहे हैं। शाहरूख ने 2017 में आई तमिल की सुपरहिट फिल्म ’विक्रम वेधा’ के हिंदी रीमेक में काम करने की सहमति दे दी है। इसे नीरज पांडे बना रहे हैं।
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