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शास्त्र-पुराण करते हैं चरित्र का श्रृंगार : शास्त्री

Posted at: Aug 17 , 2017 by Dilersamachar 9930
दिलेर समाचार,राजगांगपुर: अग्रसेन भवन में आयोजित भागवत कथा में भागवत प्रेमियों की भीड़ जुट रही है। स्वामी राधेश्याम शास्त्री का प्रवचन सुनने राउरकेला, बीरमित्रपुर, छत्तीसगढ़, राजगांगपुर समेत आसपास से भी भक्त पहुंच रहे हैं। रविवार को स्वामी ने कहा कि चित्र का महत्व उतना नहीं जितना चरित्र का है। चित्र का बाजार जबकि चरित्र का श्रृंगार शास्त्र-पुराण करते हैं। श्री राम, श्री कृष्ण, दुर्गा, शिव, गणेश अपने चरित्र के कारण सम्मान पा रहे हैं। पूतना राक्षसी भी चरित्र ठीक नहीं होने के कारण मारी गई। स्वामी ने प्रवचन में आगे कहा कि संसार में काफी आकर्षण है, पत्नी में, परिवार में, मित्र में, भाई में, शत्रु में व्यक्ति सकारात्मक या नकारात्मक भाव में डूबा है। इन सबसे निकलने के लिए भगवान की कथा ही सक्षम है तथा वाह्य मुखी से अंतर्मुखी बनाना ही कथा का लक्ष्य है। भागवत कथा के दौरान श्री कृष्ण-रुक्मिणी, भगवान श्रीकृष्ण की बारात की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। भागवत को सफल बनाने में सुल्तानिया परिवार और श्याम बिहारी मित्र मंडल के सदस्यों में आनन्द दधिचि (लड्डू) सतीश अग्रवाल, संजय साहू, किशोर मामा, मनोज मित्तल ,नटवर अग्रवाल, ललित अग्रवाल सहित आंनद शर्मा की सक्रिय भूमिका रही है।

 

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