दिलेर समाचार, इंदौर। सावन की शुरुआत हो चुकी है और सभी शिवभक्तों में महादेव का जयघोष है। ऐसे में सभी भोले नाथ के दर्शन करने के लिए अलग अलग धार्मिक स्थानों पर जाते हैं लेकिन यदि आप शिव आराधना के साथ प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने का मन हो तो चमन ऋषि की तपोभूमि पर चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर खास है। शहर से 70 किलोमीटर दूर नेमावर रोड पर चमन ऋषि की तपोभूमि पर चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर है।
इस मंदिर का शिव भक्तों के बीच खास स्थान है। यहां भगवान का शिवलिंग बारह महीने जलमग्न रहता है। मुख्य मंदिर के साथ राम दरबार और हनुमानजी का मंदिर भी है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यहां के वादियां खास आकर्षण का केंद्र हैं।
मंदिर से जुड़े लोग बताते है कि मंदिर कितना पुराना है यह बताना मुश्किल है, लेकिन इस देवस्थान का उल्लेख भागवत पुराण में भी मिलता है। मंदिर जाने के लिए नेमावर रोड पर डबल चौकी, चापड़ा से होते हुए ग्राम करोंदिया पहुंचना होगा।
मंदिर के समीप ही चंद्रकेश्वर नदी बहती है। पास ही एक झरना है। दो एकड़ में फैले मंदिर परिसर में दो चौकियां भी हैं। इसमें लोग स्नानकर भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। यहां चार गुफाएं भी हैं। इनके बारे में बताया जाता है यह करीब 500 साल पुरानी हैं। परिसर में निवास के लिए धर्मशालाएं बनी हुई हैं।
इन धर्मशालाओं में करीब 500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। मुख्य मंदिर से लगा घना वटवृक्ष है और पास से ही चंद्रेकेश्वर नदी गुजरती है जो आगे जाकर चंद्रकेश्वर डैम में मिलती है। यहां बड़ी संख्या में बंदर भी हैं।
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