दिलेर समाचार, चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में कांग्रेस (Congress) को करारी हार मिली है. इसके बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पांचों राज्यों के कांग्रेस प्रमुखों से इस्तीफा मांगा था. ऐसे में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने भी अपने पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने इस्तीफे में महज पांच शब्द लिखे हैं. उन्होंने इसमें लिखा है, ‘आई हेयरबाय रिजाइन एज प्रेसीडेंट (पीपीसीसी).’ मतलब मैं प्रेसीडेंट के पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने मंगलवार को हार पर आत्ममंथन करने के लिए उम्मीदवारों की बैठक बुलाई थी. जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने फीडबैक लिया था और पांचों राज्यों के अध्यक्षों के इस्तीफे की मांग की थी. सिद्धू ने चुनाव प्रचार के दौरान भी अपना इस्तीफा सौंपा था लेकिन उस वक्त कांग्रेस हाईकमान उनका इस्तीफा स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थी.
पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के प्रयासों से कैप्टन अमरिंदर को कुर्सी से हटाने के बाद राज्य में कांग्रेस विवादों में ही रही. कांग्रेस ने दलित वोट बैंक का कार्ड खेलते हुए सिद्धू की इच्छा के खिलाफ चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया था.
सरकार में अफसरों की तैनाती को लेकर सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच मतभेद उत्पन्न हो गए थे. पुलिस के अधिकारी और तीन डीजीपी बदले गए, जिसे कांग्रेस आला कमान और चन्नी सरकार के खिलाफ नवजोत सिद्धू ने अपनी बड़ी जीत बताया. सिद्धू अपने नेताओं के खिलाफ लड़ रहे थे, दूसरे शब्दों में कहें तो वह खुद को एक विद्वान साबित करने की कोशिश कर रहे थे. इसी बीच सुखबीर बादल के बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ ड्रग के एक पुराने मामले में चन्नी सरकार ने एफआईआर दर्ज की जो बाद में सिद्धू के गले की फांस ही बन गई.
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