कपल्स के बीच बेहतर अनुकूलता यानी कम्पैटिबिलिटी विकसित हो, इसके लिए जरूरी है कि आप यह जान लें कि आपकी सेक्स ड्राइव कैसी है। इस तरह के लोग खुद को खुश रखने के लिए, किसी तरह का तनाव या प्रेशर को कम करने के लिए और यहां तक की ऑफिस में गुजरे खराब दिन या किसी से हुई लड़ाई की भरपाई के लिए भी सेक्स पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए सेक्स मुख्य रूप से स्ट्रेस रीलिवर का काम करता है।
ऐसे लोग नियमित रूप से सेक्स करते रहना चाहते हैं क्योंकि उनके लिए सेक्स वही काम करता है जो दूसरों के लिए योग, एक्सर्साइज और मेडिटेशन करता है। ऐसे लोग तनाव से मुक्ति पाने के लिए किसी और तरह की ऐक्टिविटी में शामिल नहीं होना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि सेक्स से ही उनकी जरूरत पूरी हो सकती है।
इस तरह की सेक्स ड्राइव वाले लोग बहुत ज्यादा मीन-मेख निकालने वाले होते हैं। ऐसी लोगों को कौन सी चीज उत्तेजित करती है उसे लेकर वे बहुत ज्यादा तुनकमिजाज होते हैं। उन्हें हर चीज की डीटेल में जाना होता है और बेहद कम चीजें जिससे उन्हें संतुष्टि मिलती है। ऐसे में वे चाहते हैं कि उनका पार्टनर उन टैक्टिक्स में महारत हासिल कर ले जिससे उन्हें संतुष्टि मिलती हो। ऐसे लोगों की सेक्शुअल फैंटसी अजीबोगरीब होती है जिसे शायद उन्होंने कहीं देखा या पढ़ा होता है जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता।
ऐसे लोग बेहद स्वार्थी होते हैं और सेक्स के दौरान भी सिर्फ अपनी संतुष्टि के बारे में सोचते हैं। वे मानते हैं कि उन्हें बेडरूम में वह सबकुछ मिलना चाहिए जिसका उन्हें अधिकार है। वे हमेशा सबकुछ अपने हिसाब से और अपने निजी स्वार्थ के लिए करने में यकीन रखते हैं। यहां तक की वे चाहते हैं
कि उनका पार्टनर भी उनकी इच्छाओं को अपनी इच्छा से ज्यादा महत्व दे और उनकी इच्छा या मांग के साथ किसी तरह का समझौता न हो। ऐसे लोगों की मांग या इच्छाएं जब पूरी नहीं होती तो वे बेचैन हो जाते हैं।
ऑफिस का काम, परिवार और रिश्तों के प्रेशर की वजह से अक्सर इंसान तनाव में आ जाता है और उसकी सेक्स ड्राइव उदासीन हो जाती है। जिन लोगों की सेक्स ड्राइव ऐसी हो जाती है वे अक्सर तनाव कम होने और परिस्थितियां बेहतर होने के बावजूद सामान्य नहीं हो पाते।
ऐसे लोगों को अपनी सेक्शुअल क्षमता में यकीन नहीं रहता और वे अपनी जरूरतों को भी नहीं समझ पाते। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो अपनी सेक्शुअल जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे भी कहीं ज्यादा जरूरी दूसरी चीजें लाइफ में हैं। ऐसे लोगों के पार्टनर अगर किसी तरह के फिजिकल कॉन्टैक्ट की शुरुआत भी करें तो वे उससे बचने की कोशिश करते हैं।
इस तरह के लोग सेक्स के दौरान अपने पार्टनर से इमोशनली अटैच होने में यकीन रखते हैं। ऐसे लोगों के लिए इमोशन्स सबसे ज्यादा अहमियत रखते हैं और फिजिकल कनेक्शन सेकंडरी होता है। सेन्शुअल लवर्स के लिए सेक्स पार्टनर के साथ केमिस्ट्री बनाने का एक जरिया है। ऐसे लोग न तो कभी पार्टनर के साथ जबरदस्ती करते हैं और न ही पार्टनर को बार-बार सेक्स के लिए कहते हैं। ऐसे लोग पार्टनर की फीलिंग को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं और सिर्फ अपनी ही नहीं बल्कि पार्टनर की संतुष्टि के बारे में भी सोचते हैं।
जो लोग सेक्स के आदी हो जाते हैं वे सेक्स करने का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देते। ऐसे लोग किसी तरह की अस्वीकृति को आसानी से स्वीकार नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें अपनी उत्तेजना कहीं न कहीं निकालनी ही होती है। वे कभी इस बात की परवाह नहीं करते कि सेक्स के लिए उनके पार्टनर का मूड है या नहीं या फिर उसकी तबीयत खराब ही क्यों न हो। उन्हें सिर्फ अपनी आसक्ति पूरी करनी होती है और वे उसका कोई न कोई जरिया ढूंढ ही लेते हैं। ऐसे लोगों को जब उनके पार्टनर सेक्स के लिए मना कर देते हैं तो अक्सर वे अपनी आदत को पूरा करने के लिए पार्टनर के साथ चीटिंग कर किसी और के साथ भी सेक्स कर लेते हैं।
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