दिलेर समाचार, दांत स्वस्थ हैं तो हमारा पेट भी स्वस्थ रहेगा क्योंकि जो भी भोजन हम खाते हैं, वह दांतों द्वारा चबाया जाता है। दांत कमजोर होने पर भोजन बिना पूरी तरह चबाये पेट में जायेगा और पेट खराब हो जायेगा। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए दांतों की उचित देखभाल करनी चाहिए।
त दिन में दो बार दांतों की सफाई अवश्य करें, प्रातः उठने पर और रात्रि को सोने से पहले।
त दांतों की सफाई के साथ मसूड़ों का भी ध्यान रखें। मसूड़े कमजोर होने पर दांत शीघ्र हिलने शुरू हो जायेंगे।
त ब्रश को धीरे-धीरे दांतों पर ऊपर नीचे, बाये-दायें चलायें। दांतों और मसूड़ों पर जोर से ब्रश को न रगड़ें।
त पान, सुपारी, गुटखा और धूम्रपान से परहेज रखें। इन चीजों के नियमित सेवन से दांत समय से पहले खराब हो सकते हैं।
त प्रत्येक भोजन के उपरान्त दंातों को उंगली से रगड़ कर साफ करें और स्वच्छ जल से कुल्ला करें ताकि खाद्य पदार्थ का कोई कण दांतों में फंसा न रह जाये। बचे हुए भोजन कण दांतों और मसूड़ों को सड़ाने में मदद करते हैं। दांतों में कुछ फंस जाने पर सुई, पिन, सिलाई, तीली या नोकदार वस्तुओं का प्रयोग न करें। ऐसा करने से मसूडे़ ‘हर्ट‘ हो सकते हैं।
त डेढ़ दो माह के अन्तराल में अपना टूथ ब्रश बदल लें। ब्रश के बेतरतीब रेशे दांत साफ करने में सक्षम नहीं होते।
त टूथपेस्ट, ब्रश, मंजन अच्छी किस्म का ही प्रयोग में लाएं। सख्त मंजन प्रयोग में न लाएं।
त विटामिन ‘सी‘ के सेवन से दांत और मसूड़े मजबूत बनते हैं। अपने भोजन में विटामिन ‘सी‘ युक्त फल और अंकुरित दालों का प्रयोग नियमित करें। भुट्टा और गन्ना खाने से दातों और मसूड़ों का व्यायाम होता है।
त अधिक मसालेदार, खटाई और मीठा दांतों को नुक्सान पहुंचाता है। अत्यधिक गर्म और ठंडे पेय का सेवन कम से कम करें। कब्ज दातों के लिए नुक्सानदेह होती है। अपने भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं और रेशेदार खाद्य पदार्थों को भोजन का अभिन्न अंग बनायें।
त साल में कम से कम दो बार दांतों का निरीक्षण दंत चिकित्सक से करवाएं। बीच में दांतों में किसी प्रकार की दर्द, पस व खून आने पर घरेलू उपचार पर ही निर्भर न रहें। डॉक्टर से परामर्श कर उचित दवा लें।
त दांतों में केविटी होने पर दंत विशेषज्ञ से जांच करवा कर समय पर ही दांतों की फिलिंग करवायें।
तदांतों पर जमी परत की सफाई हेतु डॉक्टर से दांतों की स्केलिंग करवायें।
त दांतों के बीच कुछ फंसने की स्थिति में पहले ब्रश करके निकालने का प्रयास करें। न निकलने की स्थिति में ‘डेन्टल फ्लॉस‘ की सहायता से दांतों को साफ करें। ‘डेन्टल फ्लास‘ खरीदने से पहले डॉक्टर से उसका सही प्रयोग कैसे करना है, जानकारी ले लें।
त मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए साफ उंगली पर ‘गम पेंट‘ लगाकर मसूड़ों पर हल्का हल्का मलें। इससे मसूड़ों में रक्त संचार बढ़ता है और मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
त देर रात्रि में कोई मीठी वस्तु न खायें। यदि खानी पड़े तो दांतांे को अच्छी तरह साफ कर के सोयें।
त टूथ ब्रश ढक कर रखें नहीं तो गंदगी से दांतों में संक्रमण हो सकता है।
त मुंह की दुर्गन्ध को दूर करने के लिए ‘माउथ वाश‘ का प्रयोग करें। बिना डॉक्टर की सलाह के स्वयं उल्टी सीधी दवाएं प्रयोग न करें।
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