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किसी का पीछा करने पर हो सकती है 3 साल की सजा

Posted at: Aug 13 , 2017 by Dilersamachar 10436

दिलेर समाचार, चंडीगढ़ में वर्णिका कुंडू का पीछा करने के मामले में विकास बराला को आरोपी बनाया गया और बाद में अपहरण की कोशिश के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वर्णिका की कार का पीछा किया जा रहा था। किसी लड़की का पीछा करना और उसके साथ छेड़छाड़ करने के मामले में कानून में बदलाव कर सख्त कानूनी प्रावधान किए गए हैं। 16 दिसंबर को निर्भया गैंगरेप के बाद रेप और छेड़छाड़ से संबंधित कानून में तमाम बदलाव कर कानून को सख्त बनाया गया है, जिसे जानने की जरूरत है।

ऐडवोकेट मुरारी तिवारी ने बताया कि जस्टिस वर्मा की अगुवाई में बनाई गई तीन सदस्यों की कमिटी ने 29 दिनों में 631 पेज की रिपोर्ट 22 जनवरी 2013 को सरकार को सौंपी थी। वर्मा कमिटी ने अपनी सिफारिश में गैंगरेप में कड़ी सजा का प्रावधान किया। साथ ही छेड़छाड़ के मामले में कानून में कई नए प्रावधान किए। छेड़छाड़ से संबंधित कई अपराध को गैरजमानती बनाया गया। पहले छेड़छाड़ के मामले में आईपीसी की धारा-354 के तहत केस दर्ज किए जाते थे। वैसे मामलों में दोषी पाए जाने पर 2 साल तक कैद की सजा का प्रावधान था। मामला जमानती था। 

कानूनी बदलाव के बाद आईपीसी की धारा-354 के तहत दोषी करार दिए जाने पर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान किया गया। इसमें कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया। छेड़छाड़ को गैरजमानती बनाया गया है। पहले जमानती था। धारा-354 में कई उपधाराएं भी बनाई गईं। धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी का प्रावधान किया गया है। धारा-354ए में चार पार्ट हैं। ऐडवोकेट रमेश गुप्ता बताते हैं कि आईपीसी की धारा-354 ए पार्ट-1 में प्रावधान है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ यौन प्रकृति लिए उसके शरीर को छूता है तो वह यौन प्रकृति का कंडक्ट कहा जाएगा। आईपीसी की धारा-354 ए पार्ट 2 में कहा गया है कि अगर कोई शख्स किसी भी लड़की या फिर महिला से सेक्शुअल प्रकृति का आग्रह करता है या मांग करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। अगर कोई शख्स किसी महिला को उसकी मर्जी के बिना पॉर्नोग्रफी दिखाता है तो वह आईपीसी की धारा-354 ए पार्ट -3 के तहत अपराध होगा। 

आईपीसी की धारा-354 ए पार्ट- 4 के तहत अगर कोई शख्स किसी महिला पर सेक्शुअल कॉमेंट करता है, तो वह अपराध होगा। इन मामलों में एक साल से लेकर तीन साल तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। वैसे ये तमाम मामले जमानती होंगे, लेकिन ये संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। महिला की शिकायत पर पुलिस को संज्ञान लेते हुए केस दर्ज करना होगा और कानूनी कार्रवाई करनी होगी। 

क्रिमिनल वकील अमन सरीन बताते हैं कि आईपीसी की धारा-354 बी के तहत कानूनी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के खिलाफ बल का प्रयोग करता है और उसे कपड़े उतारने पर मजबूर करता है या फिर उकसाता है तो वह अपराध होगा और ये मामला गैरजमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस मामले में दोषी को कम से कम 3 साल और ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। अगर कोई शख्स किसी महिला की प्राइवेट ऐक्ट की तस्वीर लेता है या फिर उसे लोगों में फैलाता है तो आईपीसी की धारा-354 सी के तहत आरोपी होगा। पहली बार दोषी पाए जाने पर एक से 3 साल जबकि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 से 7 साल तक सजा का प्रावधान किया गया है।

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