दिलेर समाचार, ललीता। जहां एक और पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का कहर बरस रहा है जिसके चलते लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने तक को लेकर कतरा रहे हैँ, वहीं दूसरी और संसार में सामान्य लोगो से लेकर समाज के प्रतिष्ठित बहुत से लोग पीड़ितों की मदद करने को लेकर आगे आये हैँ। खाना खिलाने से लेकर मजदूरों की मदद करने तक बहुत से लोग आज पराये होने के बावजूद भी इंसानियत का परिचय दे रहे हैँ। उन्ही मशहूर लोगो में से एक सोनू सूद भी हैँ जो कोरोना काल में ना केवल रील जीवन के हीरो बल्कि रियल जीवन के हीरो बनकर उभर रहे हैँ। अपनी फ़िल्मी में विलन के रूप में जाने वाले सोनू सूद को आज कुछ लोग भगवान बनाकर पूज रहे हैँ तो कुछ लोग मसीहा बनाकर। इन सब बातो की वजह केवल इंसानियत है। कोरोना जैसी महामारी के बीच मरीज़ो की मदद करना, मजदूरों को उनके शहर पहुंचाना जैसी मदद की मुहीम एक छोटे स्तर पर जो सोनू सूद ने आरंभ की थी उसके लिए आज संसार के हर कोने में उनकी सराहना की जा रही है।
कोरोना महामरी के चलते उनके लोकल्याण के कार्यों से उन्होंने बड़े परदे के विलेन से असली ज़िन्दगी के हीरो तक का सफर तय किया। उनके इन कल्याणकारी कार्यों की शुरुआत 'घर भेजो' अभियान से शुरू हुई जिसके चलते उनहोने शुरुआत में 350 मज़दूरों को कर्नाटक पहुंचाया तथा उनकी जीवनचर्या को समझते हुए कई प्रवासियो को उनके घर भेजा। सोनू ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, 'मैं प्रवासी मजदूरों की मदद इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं भी कभी प्रवासी था"। अर्थात, ज़ाहिर सी बात है की उन्होने ज़रूरतमंदो के लिए मदद का हाथ ना केवल उनके हालातो को समझते हुए बढ़ाया बल्कि उन्होंने खुद के जीवन के शुरूआती दौर को उन मज़दूरों के सामान पाया।
कोरोना का खात्मा करने के लिए राष्ट्रीय तथा व्यक्तिगत तौर पर हर संभव प्रयास किये जा रहे हैँ। अपनी फिल्मो के लिए प्रख्यात सोनू सूद ने अपने जुहू स्थित होटल को मेडिकल वर्कर्स के लिए खोल दिया। और अब वह अपने पिता शक्ति सागर सूद के नाम पर एक स्कीम लॉन्च करने जा रहे हैं, जिसके तहत मुंबई में 45 हजार लोगों को हर रोज खाना खिलाया जाता है। सोनू की इस स्कीम का नाम शक्ति आनंदनम है।
कोरोना की दूसरी लहर के चलने के बाद अब जब देश में हर जगह से बेड, ऑक्सीजन सिलिंडर्, दवाइयां, इंजेक्शन की कमियों की खबर सामने आ रही थी और लोग हर तरफ निराशा से भरे हुए थे वही वे लोग सोनू सूद से मदद की गुहार लगा रहे थे. सोनू सूद ने अपने स्तर पर और अपनी संस्था के माध्यम से हर जरूरतमंद की मदद करने की लगातार कोशिश की। बेंगलुरु के येलाहंका इलाके के इंस्पेक्टर एमआर सत्यनारायण ने मंगलवार आधी रात को सोनू सूद चैरिटी फाउंडेशन के एक सदस्य को फोन करके मदद की गुहार लगायी जिसके बाद कुछ घंटो की मेहनत के बाद ही सोनू सूद की टीम ने वहां 15 सिलिंडर भेज दिए जिससे 22 कोरोना संक्रमित लोगो की जान बच गयी।
इन सब के आलावा सोनू सूद ना केवल अपनों के लिए बल्कि देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मसीहा बनकर उभर रहे हैँ। वे ना केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर लोकल्याण के लिए कार्य कर रहे हैँ। हालही में उन्होंने सरकार से अपील की कि भविष्य में कोरोना से ग्रस्त लोगो के बच्चो को निशुल्क शिक्षा दी जाए और शमशान में कोरोना से मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार निशुल्क किया जाए। इसी तरह उनकी छवि संकट के इस दौर में लोगो के सामने भगवान के रूप में उभरकर आयी है।
ये भी पढ़े: कोरोना के इलाज के लिए स्वाएस्य्दक मंत्रालय की नई गाइडलाइंस, कई दवाएं की गईं बंद
Copyright © 2016-23. All rights reserved. Powered by Dilersamachar