दिलेर समाचार, नई दिल्ली. गेहूं और आटा निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद सरकार ने अब मैदा, सूजी और होलमील आटा के निर्यात के नियम भी सख्त कर दिए हैं. नियत कड़ा होने से इनके निर्यात पर प्रतिकूल असर होगा. इससे घरेलू बाजार में मैदा, सूजी और होलमील आटा के दामों में गिरावट आने की संभावना है. होलमील आटा (wholemeal atta) गेहूं का आटा ही होता है जिसमें चोकर भी शामिल होता है. यह सामान्य आटा के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होता है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह नोटिफिकेशन 14 अगस्त से लागू होगा. 8 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक मैदा और सूजी का कंसाइनमेंट भेजने की इजाजत होगी. लेकिन इसकी शर्त ये है कि नोटिफिकेशन आने से पहले माल शिप पर लोड हो चुका हो या फिर कंसाइनमेंट कस्टम को सौंपा जा चुका है और सिस्टम में वो रजिस्टर भी हो चुका हो.
केंद्र सरकार गेहूं और आटे के निर्यात पर भी पाबंदी लगा चुकी है. मौजूदा पॉलिसी के तहत गेहूं के निर्यात पर बनी अंतर मंत्रालय कमेटी की सिफारिश के बाद ही आटे का निर्यात किया जा सकता है. अब गेहूं के आटे, मैदा और सूजी के निर्यातकों को निर्यात निरीक्षण परिषद से गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा. गौरतलब है कि जुलाई में वाणिज्य मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा था कि इन वस्तुओं के निर्यातकों को निर्यात के लिए गेहूं के निर्यात पर अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
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