दिलेर समाचार, छोटी सी अचीवमेंट होती नहीं कि साल भर तक उसके गीत गाते रहते हैं. और अगर अचीवमेंट क्रिकेट की फिल्ड में हो तो दस गांव तक खबर फैल जाती है. लेकिन इन क्रिकेटर्स में कोई एक खिलाड़ी ऐसा है जिसको पूरी दुनिया महान मानती है लेकिन वो खुद को असफल मानता है. शायद उसके मानने के कारण ही पता चलता है कि उसे दुनिया इसलिए ही महान मानती है.
बेहतरीन विकेटकीपर्स में से एक
हम बात कर रहे हैं राहुल द्रविड़ की जिनकी गिनती इंडियन क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज और भारत के महान विकेटकीपर्स में होती है. राहुल एक अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और लंबे समय तक इंडियन क्रिकेट टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं. रिटायरमेंट के बाद भी वो टीम से जुड़े रहे. लेकिन कभी भी उन्हें वो सम्मान नहीं मिला जिनके वो हकदार रहे हैं और ये बात हर कोई मन ही मन मानता है.
बेंगलुरु के एक इवेंट में ये कहा राहुल ने
माना जाता है कि असफलताएं ही इंसान को सफलता के मुकाम तक पहुंचाती है. इस बात को राहुल से अच्छा कोई नहीं जानता. इसलिए उन्होंने बेंगलुरू में आयोजित ‘स्पोर्ट्स ए…लीट कॉन्क्लेव’ में द्रविड़ ने खुद का जिक्र अपने असफलताओं के बारे में बता कर शुरू की. राहुल ने कहा, ‘कुछ वक्त पहले अर्ध शतक को भी स्कोर माना जाता … मैंने क्रिकेट के विभिन्न फॉर्मेट्स में 604 बार भारत के लिए बल्लेबाजी की. लेकिन मैंने उतने अर्ध शतक नहीं बनाए. मैंने सफलता से ज्यादा असफलता देखी है. मैंने अपने करियर में जितने भी इनिंग्स खेले उनमें से मैंने 410 में भी अर्ध शतक नहीं बनाए. मैंने जीत से ज्यादा हार देखी है. कहने का मतलब है कि मैं जीत से ज्यादा हार पर बात करने के लिए पूरी तरह से क्वालिफायड हूं. ‘
हार के बारे में बात
द्रविड़ की सफलता की कहानी हर कोई कहता है लेकिन वो नहीं. आज के जमाने में ऐसा इंसान कहीं मिलेगा. राहुल द्रविड़ ने इसके अलावा दूसरे खिलाड़ियों के बारे में भी जिक्र करते हुए कहा कि, मैंने अपने सा… के खिलाड़ियों और अन्य़ खिलाड़ियों से कुछ सीखा है तो यही कि हारना कैसे है.
जब ऑस्ट्रेलिया के कैप्टन ने भी उड़ाया मजाक
ये तो … राहुल द्रविड़ के मुंह से खुद की असफलता की कहानी. लेकिन वो दूसरों के मुंह से भी अपनी सफलता के बारे में चुपचाप सुन लेते . उस इवेंट में मौजूद ऑडियंस के बीच में से एक दर्शक ने खेल के मैदान में हुई छेड़छाड़ की बात शेयर की. ये 2001 की बात है जब ईडेन टेस्ट में राहुल द्रविड़ अच्छा नहीं खेल रहे … उनके बुरे खेल के कारण उन्हें नम्बर 6 पर बैटिंग दी गई … तब ऑस्ट्रलिया के कैप्टन स्टीव वॉ ने उनका मजाक उड़ाते हुए कहा … कि अगली बार नम्बर 12 होगा.
तो ऐसे हैं राहुल द्रविड़… जहां लोग अपने सफलता के किस्से सुनाते नहीं थकते वहीं द्रविड़ अपनी जिंदगी की कहानी असफलता से शुरू करते हैं. ऐसे में कोई उन्हें महान कैसे ना माने. क्योंकि हार के बारे में बात करने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए.
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