दिलेर समाचार, देश को तीसरी बार विश्व विजेता बनाने के लिए चयनित विराट कोहली की 15 सदस्यीय टीम के बारे में पूरा देश जानता है, लेकिन इन्हें चैंपियन बनाने के लिए इतने ही पर्दे के पीछे के सूत्रधार भी इंग्लैंड गए हैं। यह टीम इंडिया का सपोर्ट स्टाफ है जिसकी अगुवाई हेड कोच रवि शास्त्री कर रहे हैं। टीम को तैयार करने की जिम्मेदारी सिर्फ शास्त्री या बल्लेबाजी कोच संजय बांगर या फिर गेंदबाजी भरत अरुण के ही जिम्मे नहीं है। टीम को इंग्लैंड के मैदानों में उतरने से पहले बोर्ड की ओर से तैनात सपोर्ट स्टाफ का पूरा तंत्र काम करेगा। इनमें ट्रेनर, मसाजर, वीडियो एनालिस्ट, फीजियो, थ्रो डाउनर के अलावा टीम मैनेजर, लाजिस्टिक्स मैनेजर, मीडिया मैनेजर शामिल हैं।
शास्त्री, अरुण, बांगड़ के साथ हैदराबाद के लिए 35 प्रथण श्रेणी मैच खेलने वाले आर श्रीधर टीम के फील्डिंग कोच हैं। वह 2011 से भारतीय टीम के साथ जुड़े हैं। यह उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज जोंटी रोड्स तक ने माना है कि भारतीय टीम ने क्षेत्ररक्षण में जबरदस्त सुधार किया है।
इसी तरह टीम को फिट रखने में फिजिकल ट्रेनर शंकर बसु की मुख्य भूमिका है। बसु एनसीए के अलावा आईपीएल में आरसीबी से जुड़े रहे हैं। वह लंबी दूरी के एथलीट थे, लेकिन उन्होंने क्रिकेटरों की फिटनेस पर काम कर दुनिया भर में अपना नाम कमाया है।
तमिलनाडु के लिए रणजी ट्राफी में 74 मैचों में 285 विकेट लेने वाले खब्बू स्पिनर सुनील सुब्रमण्यम टीम मैनेजर हैं। टीम को व्यवस्थित रखने और क्रिकेटरों की समस्याओं को निपटाना उनकी जिम्मेदारी है।
आस्ट्रेलियाई पैट्रिक फरहार्ट टीम के फीजियो हैं। उन्हें लंबा अनुभव हासिल है और वह टीम के साथ 2015 से जुड़े हैं। क्रिकेटरों को गंभीर चोटों से बचाने में फरहार्ट ने मुख्य भूमिका निभाई है।
भारतीय टीम में इस बार कोई भी खब्बू तेज गेंदबाज नहीं है, जब बल्लेबाजों बोल्ट, आमिर, रियाज, स्टार्क जैसे गेंदबाजों से सामना होना है। इनसे निपटने के लिए खब्बू गेंदबाज खलील अहमद को तो प्रैक्टिस कराने के लिए भेजा ही गया है, साथ में थ्रो डाउन करने के लिए श्रीलंकाई नुवान को भी ले जाया गया है। नुवान पिछले कुछ समय से टीम के साथ हैं। वह बल्लेबाजों को थ्रो डाउन के जरिए गजब की प्रैक्टिस कराते हैं।
सुरैश रैना ने भी माना है कि उनके रहने से टीम को इंग्लैंड में फायदा होगा। नुवान जहां उल्टे हाथ से थ्रो डाउन कराते हैं तो सीधे हाथ से थ्रो डाउन के लिए टीम के साथ एस रघु हैं। रघु भी काफी सालों से टीम के साथ हैं। रघु और नुवान के अलावा टीम के साथ प्रैक्टिस गेंदबाज के रूप में खलील अहमद, दीपक चाहर और नवदीप सैनी गए हैं।
यही नहीं टीम के साथ दो मसाजर थेरेपिस्ट राजीव और अरुण कनाडे भेजे गए हैं। दोनों ही टीम के बीच काफी लोकप्रिय हैं। क्रिकेटरों की थकान मिटाने और रिकवरी में उनकी मुख्य भूमिका रहती है।
टीम के साथ ऋषिकेश उपाध्याय बतौर लाजिस्टिक्स मैनेजर और राघवेंद्र सहायक ट्रेनिंग मैनेजर के तौर पर गए हैं। धनंजय को वीडियो एनालिस्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विरोधियों के कमजोर पक्ष, टीम की मजबूती, कमजोरी क्रिकेटरों को धनंजय के वीडियो विश्लेषण से मिलती है। टीम के साथ मीडिया मैनेजर भी हैं।
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