दिलेर समाचार,चीन ने पठानकोट हमले के सरग़ना जैश-ए-मोहम्मद के चीफ़ मसूद अज़हर को आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका, फ़्रांस और ब्रिटेन के प्रस्ताव पर फिर अडंगा लगा दिया है। इससाल फ़रवरी में भी चीन ने इस प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी और समय मांगा था। चीन को दो अगस्त तक का समय दिया गया था। चीन ने अब फिर प्रस्ताव पर विचार के लिए तीन महीने का समय मांगा है। चीन ने अगर और समय नहीं मांगा होता तो मसूद संयुक्त राष्ट्र की नज़र में ख़ुद ब ख़ुद आतंकवादी हो जाता।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार चीन ने इस प्रस्ताम पर तकनीकी रुप से रोक लगा रखी है और अब दो नवंबर तक का समय मांगा है। चीन संयु्क्त राष् सुरक्षा परिषद का सदस्य है और उसके पास वीटो करने काअधिकार है। इसी वीटो का सहारा लेकर चीन मसूद को आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों को नाकाम करता रहा है।
पिछले साल 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में चीन ही एकमात्र ऐसा देश था जिसने 1267 प्रतिबंधो वाली सूची में मसूद अज़हर को रखने के भारत के प्रस्ताव का विरोध किया था। प्रतिबंध लगने से मसूद अज़हर की सारी संपत्ति ज़ब्त हो जाती और उसके यात्रा करने पर भी बैन लग जाता।
इस प्रस्ताव पर चीन की तकनीकी रोक सितंबर में ख़त्म हो गई थी और चीन ने इसे तीन महीने के लिए बढ़वा लिया था।
पिछले साल दिसंबर में चीन ने मसूद अज़हर को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया था। तब भारतीय राजनयिक सूत्रों ने कहा था कि भारत के लिए आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ना कोई एक बार की बात नही है। वह अन्य तरीकों से आतंकवाद मुद्दे के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता रहेगा। चीन के विरोध के बावजूद भारत संयुक्त राष्ट्र में इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता रहेगा।
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