दिलेर समाचार, जम्मू. जम्मू- कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से आतंकियों ने सुरक्षा बलों को परेशान कर रखा है. जम्मू में कठुआ जिले के माचेडी-बिलावर इलाके में सेना पर आतंकियों ने पहाड़ी जंगलों से घात लगाकर हमला किया. मगर सेना के जवानों ने भी उनकी चाल को नाकाम करते हुए अंधाधुंध फायरिंग कर पूरे इलाके को धुआं-धुआं कर दिया. सेना के जवानों ने आतंकियों पर 5000 से ज्यादा गोलियां बरसाईं, जिससे आतंकी मौके पर से भाग निकले. वहीं जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी-बिलावर इलाके के कम से कम 26 निवासियों को सोमवार को दो ट्रकों वाले सैन्य गश्ती दल पर हुए घातक हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
जिसमें 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान मारे गए और पांच अन्य घायल हो गए, अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने कहा कि ‘एनआईए की एक टीम घात स्थल पर पहुंच गई है और जांच में पुलिस की सहायता कर रही है. सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान आतंकवादियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र के बीहड़ इलाकों और जंगलों की तलाशी ले रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी पकड़ा या मारा नहीं गया है.’
भारी बारिश ने ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई निगरानी को मुश्किल बना दिया है. अधिकारियों ने बदनोटा गांव के पास घात लगाकर किए गए हमले की घटनाओं को एक साथ जोड़ना शुरू कर दिया है. जहां और ज्यादा फोर्स के पहुंचने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक लगातार गोलीबारी हुई थी. माना जा रहा है कि तीन लोगों का समूह में आतंकवादियों ने पहाड़ी पर दो जगहों पर खुद को छिपा लिया और घने जंगल में छिपकर सैनिकों को ग्रेनेड और गोलियों के हमले से चौंका दिया. जब ट्रक दोपहर 3.30 बजे माचेडी-किंडली-मल्हार रोड पर एक मोड़ पर पहुंचे थे, तभी उन पर भारी गोलीबारी की गई.
भारी गोलीबारी का सामना करने के बावजूद, सैनिकों ने अधिक हताहतों को रोकने और आतंकवादियों को उनके हथियार छीनने से रोकने के लिए लगातार गोलीबारी की. एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि ‘भारतीय सेना के गढ़वाल रेजिमेंट के सैनिकों ने आतंकवादियों पर 5,189 राउंड की बौछार की, जिससे उन्हें घटनास्थल से भागने पर मजबूर होना पड़ा.’ पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक सहयोगी समूह कश्मीर टाइगर्स ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है. सूत्रों ने कहा कि स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्होंने घात लगाने से पहले आतंकवादियों को देखा था या उन्हें कोई सहायता प्रदान की थी.
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