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प्रशासन का डंडा केवल दिखावटी नहीं होती है अमेठी में कोई कार्यवाही

Posted at: Dec 6 , 2017 by Dilersamachar 9850

दिलेर समाचार, शिवकेशशुक्ला:अमेठी जिले के तहसील मुसाफिरखाना जगदीशपुर विकास क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पालपुर में स्थित गाटा संख्या 238 जो बालिका विद्यालय के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। परन्तु निजी व्यक्तियों द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर चलाया जा रहा है । आज इसकी शिकायत गांव के एक व्यक्ति तेज प्रताप ने मुसाफिरखाना समाधान दिवस में की ।

इस संबंध में जब एबीएसए जगदीशपुर से पूछा गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया जबकि यह मामला पूरी तरह से उनके संज्ञान में पहले से भी है।

अमेठी में शिक्षा सत्र के शुरू होने के बाद से अवैध स्कूलों पर लगाम लगाने का कार्य जिला प्रशासन ने बड़ी मुस्तैदी से शुरू किया 
।लेकिन सारा मामला ठंडे बस्ते में चला गया । या यूं कहें कि विद्यालय संचालक ने एबीएसए जगदीशपुर के साथ मिलकर बी एस एम अमेठी  तक को खरीद लिया गया और  जो सरकारी बालिका विद्यालय के नाम से सुरक्षित जमीन पालपुर ग्राम की गाटा संख्या 238 पर चल रहा है। वह बदस्तूर आज भी जारी है और उस पर कार्यवाही करवाने के लिए अमेठी के जिला प्रशासन ने अपने हाथ बांध लिए हैं या यूं कहा जाए कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन विद्यालय संचालकों से नजराना  ले कर चुप हो गया है या फिर किसी बहुत बड़े राजनीतिक दबाव के कारण आज तक उस अवैध विद्यालय को ना ढहाया गया और ना ही उस को सील किया गया है

उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से अमेठी के जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन अमेठी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की है। इस विद्यालय पर कार्यवाही के लिए पहले भी कई बार ग्रामीणों द्वारा प्रार्थना पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन यह विद्यालय आज भी अपने पूरे शबाब पर चल रहा है। अब आवाज प्रशासन के विरुद्ध अमेठी में उठने लगी है क्योंकि अमेठी में जिस तरह से अन्य विद्यालयों को बंद किया गया और उन पर कारवाई की गई लेकिन जगदीशपुर के इस विद्यालय पर आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई ।

इस संबंध में जब  ए बी एस ए जगदीशपुर से पूछा गया तो उन्होंने कैमरा के सामने अपना कोई भी बयान नहीं दिया है और कैमरा बंद करने की बात कर रहे हैं।
पीड़ित पक्ष ने अपने आरोप में बताया है कि उसने कई बार समाधान दिवस में इसकी शिकायत की लेकिन तहसील कर्मचारियों ने उसके प्रार्थना पत्र को अपने पास रोक लिया और उसको रजिस्टर में अंकित नहीं किया आज भी उसके साथ कुछ इसी तरह की कार्यवाही हुई है जिसको लेकर पीड़ित बहुत परेशान है और उसने कार्यवाही के बाबत जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र समाधान दिवस में दिया है। पीड़ित की मानें तो अवैध विद्यालय संचालक और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की आपसी साठगांठ है जिसके कारण यह विद्यालय सरकारी विद्यालय के नाम पर सुरक्षित भूमि पर संचालित हो रहा है।

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