लकवा- करेले की सब्जी लकवे में लाभदायक है।
पीलिया- भीखे पेट तीन करेलों को पानी में पीसकर समान मात्रा में पानी में घोलकर, छानकर नित्य दो बार पिएं या आधा गिलास छानकर रस पिएं। इससे दस्त लगेंगे और पीलिया ठीक हो जाएगा। करेले की सब्जी भी खाएं।
तिल्ली बढ़ना- करेले के चौथाई कप रस में राई और नमक स्वादानुसार मिलाकर पीने से बढ़ी तिल्ली अपनी सामान्य अवस्था में आ जाती है। करेले का रस 25 ग्राम और चौथाई कप पानी में मिलाकर नित्य तीन बार तीन सप्ताह पिलाने से तिल्ली सामान्य हो जाती है।
लीवर बढ़ना- आधा कप करले का रस और आधा कप पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य दो बार पीने से लीवर के रोगों में लाभ होता है।
पथरी- करेले में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस होते हैं, जो पथरी को तोड़ देते हैं। करेला पथरी को तोड़कर पेशाब के साथ बाहर निकालता है।
दमा- करले की सब्जी खाने से दमा में लाभ होता है।
खांसी- खांसी, कफ, गले में खरास हो तो बिना घी लगाई रोटी करेले के भुर्ते के साथ खाएं। भुर्ते में करेले पर पर सेंधा नमक और पिसी कालीमिर्च ही डालें।
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