दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिसंबर के 10 दिन गुजरने के साथ ही ठंड का अहसास तेज होने लगा है. वहीं पिछले साल पड़ चुकी भीषण ठंड वाला समय भी नजदीक आता जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भी लोग कड़कड़ाती ठंड के लिए तैयार हो जाएं. पिछले साल 12 दिसंबर से तापमान तेजी से गिरने के साथ ही खून जमा देने वाली ठंड पड़ी थी और यह सिलसिला 31 दिसंबर तक चलता रहा था.
दिल्ली मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि इस बार पिछले साल से भी ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है. इस बार बर्फबारी सामान्य से कुछ ज्यादा हुई है. जिसका असर अब पड़ने वाली सर्दी पर देखने को मिलेगा. इस बार अन्य वर्षों के मुकाबले एक से दो डिग्री तक तापमान कम रहने का अनुमान है.
श्रीवास्तव कहते हैं कि पिछले साल 12 दिसंबर से 30 दिसंबर तक बहुत ज्यादा सर्दियां रही थीं. इस बार जनवरी तक ऐसे हालात रहने की संभावना है. हालांकि यह हो सकता है कि इस बार सर्दियों का समय खिसककर थोड़ा इधर उधर हो जाए. पहाड़ों पर अभी पश्चिमी विक्षोभ आ चुका है. मैदानों से गुजरते ही तापमान गिरता जाएगा. इस बार सूखी ठंड और बारिश के बाद वाली दोनों ही रहने की उम्मीद है.
बता दें कि जम्मू, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में 11 दिसंबर को बिजली कड़कने के साथ ओले पड़ सकते हैं. इसके अलावा 12 दिसंबर को उत्तराखंड में और हरियाणा, चंडीगढ़ तथा दिल्ली में 11 और 12 दिसंबर को बिजली कड़कने के साथ ओले पड़ने की आशंका है. इन राज्यों में 11 दिसंबर को घना कोहरा रहने का पूर्वानुमान है.
शिमला के मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के उदयपुर में सात सेंटीमीटर, केलोंग में छह सेंटीमीटर और गोंदला में पांच सेंटीमीटर बर्फबारी हुई. मनमोहन सिंह ने कहा कि लाहौल और स्पीति के प्रशासनिक केंद्र केलोंग में बुधवार को तापमान शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा और यह राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा.
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