दिलेर समाचार, नई दिल्ली। लोकपाल की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिन में बताने के लिए कहा कि लोकपाल सेलेक्ट कमेटी की बैठक कब होगी. सर्च कमेटी की तरफ से सौंपे गए नामों को सार्वजनिक करने की याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण की मांग कोर्ट ने ठुकराई. आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 28 फरवरी को सर्च कमेटी ने लोकपाल के लिए नामों का पैनल सेलेक्ट कमेटी को भेजा है. लोकपाल के न्यायिक और गैरन्यायिक सदस्यों के लिए भी पैनल भेजा गया है. नियम के मुताबिक पीएम की अध्यक्षता वाली सेलेक्ट कमेटी इन पर फैसला लेगी.
सेलेक्ट कमेटी में पीएम, चीफ जस्टिस या उनके द्वारा नामित जज, नेता विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष, एक जूरिस्ट होता है. सरकार 10 दिन में सुप्रीम कोर्ट को बताएगी कि सलेक्ट कमेटी की बैठक कब होगी ताकि लोकपाल की नियुक्ति पर हो फैसला. आज जब चीफ जस्टिस ने पूछा कि सेलेक्ट कमेटी में नेता-विपक्ष का क्या होगा? तो इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि नेता विपक्ष के ना होने की वजह से सबसे बड़ी विपक्षी दल के नेता को विशेष सदस्य के तौर पर आमंत्रित करते हैं. वकील प्रशांत भूषण ने उन नामों को सार्वजनिक करने की मांग की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया.
इससे पहले सर्च कमेटी का गठन अब तक न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी.कोर्ट ने सर्च कमेटी के गठन को लेकर सरकार के हलफनामे से असंतुष्ट जताई थी. केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एक्ट के मुताबिक सर्च कमेटी का सदस्य बनने योग्य लोगों को चुनने में समय लगेगा.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि 4 हफ्ते में हलफनामा दायर कर साफ जानकारी दें.उधर, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने मांग करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से सर्च कमेटी बनाए और लोकपाल नियुक्ति करे या फिर सरकार पर अवमानना की कार्रवाई चलाई जाए.
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