दिलरे समाचार, नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)-11 में केकेआर के खिलाफ शनिवार को खेले गए दूसरे क्वालीफायर मुकाबले में जिसने भी सनराइजर्स हैदराबाद के पुछल्ले राशिद खान के बल्ले का जलवा देखा, उसने दांतों तले उंगली तब ली. यह राशिद खान ही थे, 10 गेंदों पर नाबाद 34 रन से मैच की दिशा और दशा ही पूरी तरह बदल गई. एक समय सीमित रनसंख्या पर सिमट रही सनराइजर्स हैदराबाद के स्कोर में राशिद ने अपने तेवरों से ऐसा तड़का लगाया कि एकदम से पूरा माहौल बदल गया. इस बात का खुलासा किया है राशिद खान के कोच हस्ती गुल ने
जिस किसी ने भी राशिद खान के छक्कों को देखा, उसे एक बार को भरोसा ही नहीं हुआ कि वह गेंदबाज हैं या बल्लेबाज. राशिद ने किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज की तरह बैटिंग करते हुए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. साथ ही, दुनिया भर के क्रिकेट क्लबों, मैनेजरों को यह संदेश भी दे दिया कि वह बल्ले से क्या कारनामा कर सकते हैं. बहरहाल हम आपको बता दें कि सबसे पहले अफगानिस्तान की अंडर-19 टीम में राशिद खान का चयन बतौर बल्लेबाज ही हुआ था.
अफगानिस्तान के ननगरहार प्रांत के शिनवारी जिले के राशिद ने सबसे पहले स्थानीय कुची कबीलाई टीम के लिए बतौर बल्लेबाज खेलना शुरू किया था. लेकिन इस शुरुआत के बाद उन्हें लगातार प्रसिद्धि मिलती गई. इस बाबत अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी और राशिद के वर्तमान कोच हस्ती गुल आबिद ने कहा कि राशिद ने बतौर बल्लेबाज खेलना शुरू किया था. उन्होंने बताया कि बाकी दूसरे अफगानियों की तरह ही राशिद पाकिस्तान के पेशावर शहर में अपने परिवार के साथ बतौर शरणार्थी रहे.
राशिद ने इसी दौरान क्रिकेट सीखी. क्रिकेट खेलने के अलावा वह पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दे रहे थे. कोच ने बताया कि कुछ साल पहले जब अफगानिस्तान ए क्रिकेट टीम ने पेशावर में हिस्सा लिया, तो राशिद ने प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ 70 रन बना डाले. इसके बाद राशिद ने बतौर ओपनर कुची टीम के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलना शुरू किया. गुल ने कहा कि मैं उस समय सेलेक्टर था. और मैंने उनका चयन बतौर ओपनर अंडर-19 टीम में किया. इस क्लब टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया. और इस दौरे में शानदार प्रदर्शन के बाद राशिद का चयन अफगानिस्तान अंडर-19 टीम में हो गया
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