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सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अंग्रेजों ने दी थी 'सर' की उपाधि, जानिए राधाकृष्णन के जीवन जुड़ी 5 खास बातें

Posted at: Sep 5 , 2018 by Dilersamachar 9626

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: Google Doodle On Teacher's day 2018: पूरे देश में आज शिक्षक दिवस (Teacher's Day 2018) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. गूगल ने शिक्षक दिवस के मौके पर डूडल (Google Doodle) बनाकर देश भर के शिक्षकों को सम्मान दिया है. भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे. उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए. वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे. आज उनकी जयंति के मौके पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.

1. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म 5 सितंबर 1888 को दक्षिण भारत के तिरुत्तनि स्थान में हुआ था. वे भारत के पूर्व राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति थे.


2. राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिये थे. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की बात कही थी.

3. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया था. 

4. ब्रिटिश साम्राज्य ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 'सर' की उपाधि प्रदान की थी, लेकिन देश की आजादी के बाद डॉ. राधाकृष्णन  के लिए  उसका औचित्य समाप्त हो चुका था.

5. डॉ. राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे. उनका मानना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबन्धन करना चाहिए.

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