दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 26 जनवरी हिंसा मामले में कुछ दिनों पहले कोर्ट में एक आरोपपत्र दायर किया था, इस पर कोर्ट 28 मई को संज्ञान लेगा. क्राइम ब्रांच के सूत्रों की माने तो इस दायर आरोपपत्र में तफ़्तीश के दौरान कई बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी यह मिली है कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ उग्र किसान नेताओं द्वारा लाल किला को कब्जे में लेकर वहां सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर जैसे प्रदर्शन स्थल बनाने की साजिश रची गई थी. इस मामले में कई दर्जन आरोपियों की गिरफ्तारी और उसके दर्ज बयानों, सबूतों के आधार पर इस आरोप-पत्र को तैयार किया गया है.
26 जनवरी को राजधानी दिल्ली के लाल किले के अंदर और उसके बाहर जमकर हिंसा-तोड़फोड़ हुई थी. किसान आंदोलन की आड़ में देश की ऐतिहासिक और देश के अभिमान माने जाने वाले लाल किले पर तिरंगा झंडे का अपमान किया गया था और उसकी जगह एक अन्य झंडे के साथ-साथ किसानों के संगठन से जुड़े झंडे को फहराया गया था. इस मामले में कई लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और कुछ दिन पहले पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चौंकाने वाला खुलासा किया है. चार्जशीट के मुताबिक, यह सब सोची समझी साजिश का हिस्सा थी.
क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, 26 जनवरी को हुई विरोध मार्च रैली के दौरान बुजुर्गों को आगे रखने की एक योजना बनाई गई थी, जिससे की कोई पुलिस कर्मी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न कर सके. इसके साथ ही सभी प्रदर्शन करने वाले युवा किसानों को मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के मार्फत इसे लाइव दिखाने की भी साजिश रची गई थी, जिसका जिक्र आरोपपत्र में है. हालांकि विस्तार से इस मामले में जानकारी 28 मई के बाद ही मिल सकती है, क्योंकि 28 मई को दायर आरोपपत्र पर अदालत द्वारा संज्ञान लिया जाएगा.
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