दिलेर समाचार,मान्यता है कि पौराणिक काल में देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और महलों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन के देवता माने जाते हैं।विश्वकर्माजी के शिल्प में गजब की महारथ हासिल थी
जिसके कारण । इस समस्त ब्रह्मांड की रचना भी विश्वकर्मा जी के हाथों से हुई। इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर आदि में पूजा होती है।
इन्हें शिल्पकला का जनक भी माना जाता है भगवान विश्वकर्मा ने सोने की लंका, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, भगवान शिव का त्रिशूल, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ नगर और भगवान कृष्ण की नगरी द्वारिका को बनाया था।
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