दिलेर समाचार, एक छोटी सी प्यारी गुडिया के साथ कोई भी बच्चा खेलना चाहेगा परन्तु "एनाबेल" नाम की गुडिया से बड़े-बड़े भी दूर भागते हैं। कहा जाता है कि गुडिया में शैतानी आत्मा का वास है जो इसके मालिक को खत्म कर देती है।
इस गुडिया की कहानी वर्ष 1970 में शुरू होती है जबकि एक महिला अपनी बेटी डोना के लिए उसके जन्मदिन पर एक प्यारी सी लेकिन एंटिक दिखने वाली गुडिया लाती है। डोना अपनी गुडिया को कमरे में सजा देती है। जल्दी ही वह उस गुडिया में मूवमेंट महसूस करने लगती है।
घर में अजीबोगरीब हरकतें शुरू हो जाती है। वहां चमड़े पर खून से लिखे मैसेज मिलने लगते हैं। गुडिया अपनी जगह पर रखी रखी घूम जाती। बाद में एक आत्माओं से बात करने वाले व्यक्ति को बुलाने पर मालूम हुआ कि उस गुडिया में शैतानी आत्मा का वास है। इसके बाद कई लोगों ने इस गुडिया के भूत को भगाने की कोशिश की लेकिन सभी कोशिशें फेल हो गई। यहां तक कि गुडिया ने कई लोगों की जान भी ले ली।
इसके बाद एक पादरी फादर कुक तथा तांत्रिक वारेन ने इस हॉन्टेड डॉल पर मंत्रों का प्रयोग कर उसे एक कांच के शोकेस में बंद कर दिया और शोकेस को मंत्रों द्वारा बांध दिया ताकि शैतानी आत्मा फिर से बाहर नहीं आ सके। आज भी यह गुडिया उसी शोकेस में रखी हुई है जहां आने जाने वाले लोग उसे बाहर से देख सकते हैं लेकिन उन्हें उस गुडिया को अथवा उसके शोकेस को छूने की इजाजत नहीं है।
एजाबेल नाम की इस हॉन्टेड डॉल पर हॉलीवुड में एक हॉरर फिल्म द कन्ज्यूरिंग एनाबेल डॉल भी बन चुकी है जो कि काफी सफल रही थी।
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