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ऋण शोधन मामलों के निपटान के लिए किया ये काम ...

Posted at: Sep 28 , 2018 by Dilersamachar 9926

दिलेर समाचार, सरकार की ऋण शोधन कानून के तहत बढ़ते मामलों से निपटने के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के तहत आठ विशेष अदालतें गठित करने की योजना है।हाल के समय में ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता के तहत मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके तहत ऋण शोधन अक्षमता मामलों का समयबद्ध दायरे में बाजार शाक्तियों के अनुरूप समाधान निकाला जाता है। ।

 

संहिता के तहत जून के अंत तक एनसीएलटी के समक्ष 6,326 कंपनियों ने मामले दर्ज किये हैं।कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने ऋण शोधन मामलों के निपटान के लिये एनसीएलटी के तहत आठ विशेष अदालतों के गठन का प्रस्ताव किया है।

कारपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, ‘‘इन अदालतों को मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में स्थापित करने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव का मकसद न्यायाधिकरण पर बढ़ते बोझ को कम करना है।’’ ।न्यायाधिकरण की देश भर में 11 पीठ हैं लेकिन मामलों की संख्या बढ़ने से दबाव बढ़ रहा हैएनसीएलटी कंपनी काननू, विलय एवं अधिग्रहण के अलावा ऋण शोधन और दिवाला मामलों को देखता है।

सचिव ने कहा, ‘‘एनसीएलटी के पास 31 जनवरी 2018 की स्थिति के अनुसार 9,073 मामलें विचारार्थ थे। इसमें 1,630 मामले विलय एवं अधिग्रहण, 2,511 मामले ऋण शोधन तथा 4,932 मामलें कंपनी कानून की विभिन्न धाराओं से संबंधित हैं।’’।

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