दिलेर समाचार, इस्लामाबाद. पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान की तरह अब पाकिस्तान का भी हाल होने लगा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कबायली इलाके में शरिया कानूनी (Sharia Law) से शासित क्षेत्र बनाने की मांग है. टीटीपी ने अलग इस्लामिक देश के लिए जिहाद का ऐलान भी किया है. पाकिस्तान के खिलाफ जिहाद के ऐलान से शहबाज शरीफ सरकार घबरा गई है.
पाकिस्तानी सैनिकों के सैकड़ों बच्चों की हत्या करने वाले टीटीपी आतंकियों को मनाने के लिए अब शहबाज सरकार पाकिस्तानी मौलानाओं का एक दल अफगानिस्तान भेज रही है. ये मौलाना टीटीपी आतंकियों और पाकिस्तान सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात करेंगे.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार चाहती है कि टीटीपी शरिया कानून से शासित इलाका बनाने और जिहाद के ऐलान से पीछे हट जाए, लेकिन आतंकी अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्थानीय जिरगा (स्थानीय नेताओं का समूह) टीटीपी को केवल सीजफायर के लिए मना सकी है. पाकिस्तान के 13 मौलाना अब काबुल जा रहे हैं. इसके प्रमुख मुफ्ती ताकी उस्मानी बताए जा रहे हैं. इसमें खैबर-पख्तूनख्वा इलाके के उलेमा भी शामिल किए जाएंगे जिनका हक्कानी नेटवर्क के साथ करीबी संबंध है. टीटीपी के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की है कि पाकिस्तानी दल काबुल आ रहा है.
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