दिलेर समाचार, आयुर्वेद में तुलसी की बड़ी महिमा बताई गई है। तुलसी को अनेक रोगों के लिये औषधि रूप बतलाया गया है। इस विषय में यूरोपियन डाक्टरों एवं विज्ञानवेत्ताओं ने भी प्रयोग कर के इसकी सत्यता को प्रमाणित किया है।
तुलसी के तेल में 32 प्रतिशत भाग ‘थायमोल’ नामक पदार्थ होता है। यह थायमोल बहुत ही उपयोगी औषधि है।
कलकत्ता के वनस्पति संग्रहालय के वनस्पति परीक्षण विशारद डा. हूपर का मत है कि- ‘तुलसी की हमने तीन बार परीक्षा की। उसके अन्दर का सुगन्धित तेल एक औषधि है। उसमें थायमोल नामक एक पदार्थ हवा शुद्ध करने के लिये बहुत उपयोगी है तथा चिकित्सक लोग चीर-फाड़ के समय एवं चर्म रोगों के लिये उसका उपयोग करते हैं।’
तुलसी और अदरक के रस को बराबर मात्रा में लेकर गर्म कर के पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
तुलसी के पत्तों के रस को चीनी में मिलाकर पीने से चक्कर नहीं आते, लू भी नहीं लगती।
पीड़ा के समय तुलसी की पत्तियों के रस को निकालकर पिला देने से पीड़ा नहीं होती।
तुलसी की 25-30 पत्तियों को लेकर दिन में 3-4 बार चबाने से जुकाम और बुखार ठीक हो जाता है।
250 ग्राम तुलसी की पत्तियों के रस को 250 ग्राम सरसों के तेल में पका लें। जब तेल शेष रह जाय तो इसे उतार कर छान कर किसी साफ बोतल में रख लीजिये। इस तेल को सुरसादि तेल कहते हैं। इसकी मालिश करने से सभी तरह की वात-व्याधि के दर्द में आराम मिलता है।
तुलसी के रस में नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला कर मंुहासों पर लगाने से कुछ ही दिन में मुंहासे साफ हो जाते हैं।
सिर में लगातार दर्द रहता हो तो तुलसी के रस की कुछ बूंदें नाक में डालने और सूंघने से आराम मिलता है।
पुराना सिर दर्द हो तो तुलसी के 25 पत्ते, 10 काली मिर्च और 10 लहसुन की कलियां मिलाकर पीस कर, रस निकाल कर, थोड़ी-थोड़ी देर बार जोर से सूंघें। सिर दर्द में आराम मिल जाता है।
प्रातः प्रतिदिन तुलसी का रस लेने से कुष्ठ रोग दूर होता है।
दाद-खाज जैसे चर्म रोगों में तुलसी और नींबू के रस का लेप करने से लाभ होता है।
रात्रि में सोने से पूर्व चेहरे को धोकर मुंहासों पर तुलसी के रस का लेप करने से मुंहासे दूर हो जाते हैं।
तुलसी के 5 पत्ते प्रातः काल लेने से स्मरण शक्ति की वृद्धि होती है।
मुंह के छालों में तुलसी के अर्क का कुल्ला करने से लाभ होता है।
पाचन-शक्ति बढ़ाने के लिए छोटी इलायची, अदरक का रस तथा तुलसी रस मिलाकर लेना चाहिए।
तुलसी की जड़ को अच्छी तरह से धो कर, सुखा कर टॉफी की तरह चूसने से जुकाम, गला बैठने और खांसी में आराम मिलता है।
घर में तुलसी का पौधा लगाने से सांप नहीं आते।
तुलसी का पत्ता 5-6 सेंटीमीटर तक लम्बा होता है। इसमें गुलाबी रंग का फूल आता है। इसकी ऊंचाई 4 फुट तक होती है। इसमें अधिक फैलाव न होने के कारण से गमले में आसानी से लगाया जा सकता है। जमीन में तुलसी का पौधा लगाने पर और सूखकर इसके बीज गिरने पर अनेकों पौधे स्वयं निकल आते हैं और तुलसी का भरपूर फैलाव हो जाता है।
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