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चाय का अनसुना रहस्य....

Posted at: Jul 9 , 2018 by Dilersamachar 9638

दिलेर समाचार, गुलयांग (चीन) में हुए एक शोध में कहा गया है चाय मोटापे से लड़ने का एक बढि़या हथियार है। हां, सेवन में पर्याप्त संतुलन तो रखना ही होगा। विशेषज्ञों ने आगे भी कहा कि हमारा दावा है कि चाय पीने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।

गुइयांग इंस्टीट्यूट ऑफ टेªडीशनल चायनीज़ मेडिसिन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार जो लोग नियमित रूप से चाय पीते हैं, वे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमने की समस्या से कम ग्रस्त होते रहे हैं। ऐसे लोगों को मोटापे का खतरा कम रहता है।

विशेषज्ञ आगे कहते हैं, जिन लोगों ने कभी चाय नहीं पी है या यदा-कदा चाय पी है, उनके शरीर में उन लोगों की तुलना में अधिक चर्बी पाई जाती है जो नियमित रूप से चाय पीते रहे हैं। एक शोधकर्ता शाओं ने कहा जो लोग 10 से 20 वर्षों से चाय का नियमित रूप से सेवन करते रहे हैं उनमें मोटापे की समस्या कम रही है। आईएएन एस. की रिपोर्ट में यह आया है।

चाय को महिलाओं के लिए अधिक लाभदायक माना गया है, यह कहना है शाऊ का जो कि गुई प्रांत के एक अस्पताल में डाक्टर हैं। इस सर्वेक्षण के निष्कर्ष में आया है कि चाय नहीं पीने वाले बहुधा अधिक मोटे होते हैं। चाय नहीं पीने वालों की तुलना में चाय पीने वालों में 30 प्रतिशत कम चर्बी पाई गई है। चाय पेट के आसपास जमने वाली चर्बी को दूर करने में कारगर भूमिका निभाती है।

शोधकर्ता कहते हैं कि चाय में ऐसे कई तत्व मौजूद होते हैं जो चर्बी को दूर करते हैं। वैसे काली चाय की तुलना में हरी चाय कहीं अधिक कारगर मानी गई है। जो लोग अनीमिया के शिकार रहे हैं उन्हें खाना खाते समय चाय पीने से परहेज करना चाहिए। अनिद्रा के शिकार लोगों को शाम को चाय नहीं पीनी चाहिए।

सिगार भी कम खतरनाक नहीं

कुछ लोग कहते हैं कि सिगरेट पीना अधिक नुकसानदायक होता है, सिगार नहीं किंतु सिगरेट से कम खतरनाक नहीं है सिगार। इस बात पर स्मोकर्स जरूर ध्यान दें।

एक अमेरिकी अध्ययन के अनुसार पाइप और सिगार भी फेफड़ों से संबंधित रोगों को दावत देते हैं। इन का धुआं भले ही सीधे फेफड़ों में नहीं जाता किंतु सिगार या पाइप पीने वालों में एम्फीसेमा और क्रॉनिक ब्रॉनकाइटिस नामक बीमारियों का भय अधिक होता है।

इस समस्या पर काम करने वाले आगे बताते हैं कि ऐसे स्मोकर्स की श्वास नली नष्ट होने की आशंका भी अधिक रहती है।

इस टीम के लीडर का नाम है माइकल स्टीनबर्ग। 3500 अमेरिकी स्मोकर्स पर किए गए शोध के बाद इस नतीजे पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने यह भी निष्कर्ष निकाला कि सिगार और पाइप पीने से शरीर में ऑक्सीजन का मार्ग प्रभावित होना निश्चित है।

प्रमुख शोधकर्ता कहते हैं विकसित समाज में सिगार आज भी शानो शौकत का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में धूम्रपान करने वालों को इस के खतरे के प्रति सचेत करना अत्यंत आवश्यक है। (स्वास्थ्य दर्पण)

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