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ओवैसी ने ट्वीट किया है. 'उत्तर प्रदेश पुलिस कांवड़ियों पर फूल बरसाती है, लेकिन सप्ताह में एक बार नमाज पढ़ने से 'शांति एवं सौहार्द' बिगड़ सकता है. मुस्लिमों को बताया जा रहा है कि 'कुछ भी कर लो, गलती तो आपकी ही होगी.' कानून के मुताबिक भी किसी कंपनी के कर्मचारी अगर कुछ करते हैं तो वह उसके लिए कैसे जिम्मेदार हो सकती है.'
बता दें, नोएडा पुलिस (Noida Police) ने कंपनियों को एक विवादित नोटिस भेजा है. जिसमें कंपनियों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज न पढ़ें. नोएडा सेक्टर-58 के थाना प्रभारी की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को इस बारे में अवगत कराए कि पार्क में इकट्ठे होकर मुस्लिम कर्मचारी नमाज न पढ़ें.
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नोटिस में कहा गया है, 'सेक्टर-58 स्थित अथॉरिटी के पार्क में प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि(जिसमें शुक्रवार को पढ़े जाने वाली नमाज शामिल है) की अनुमति नहीं है. अक्सर देखने में आया है कि आपकी कंपनी के मुस्लिम कर्मचारी पार्क में इकट्ठे होकर नमाज पढ़ने के लिए आते हैं. उन्हें एसएचओ की ओर से मना किया जा चुका है. उनके द्वारा दिए गए नगर मजिस्ट्रेट महोदय के प्रार्थना पत्र पर किसी भी प्रकार की कोई अनुमति नहीं दी गई है.'
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