अनूप मिश्रा
दिलेर समाचार, शरीर को स्वस्थ एवं सुंदर बनाये रखने के लिए संतुलि-भोजन में सब्जियों का महत्त्व किसी से छिपा नहीं है। सब्जियां न सिर्फ हमारे आहार की गुणवत्ता बढ़ाती हैं बल्कि हमारे शरीर को शक्ति, स्फूर्ति, वृद्धि तथा अनेक प्रकार के रोगों से बचाने में भी मददगार साबि-होती हैं। कार्बोहाइडेªेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज, लवण इत्यादि से परिपूर्ण हरी सब्जियां औषधीय गुणों से भी भरपूर होती हैं।
चिकित्सकों की राय में हरी सब्जियां शरीर को जरूरी पोषक तत्व देती हैं। साथ ही ये हड्डियों को भी मजबू-बनाती हैं। वजन से मुक्ति पाने हेतु डाइटिंग के स्थान पर पालक और गाजर जैसी सब्जियों का सूप पीना सर्वश्रेष्ठ उपाय बताया गया है। इससे वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है और हृदय संबंधी रोगों का भी उपचार आसान हो जाता है।
आइये अब जानते हैं सब्जियों के औषधीय गुणों के बारे में जिसको अपनाकर आप स्वस्थ रहने के साथ-साथ अपने वजन को भी नियंत्रि-कर सकते हैं।
पालक:- हरी सब्जियों में पालक की सब्जी जहां एक ओर व्यक्ति को बहु-स्वादिष्ट लगती है वहीं दूसरी ओर यह, कृमिनाशक, रक्तशोधक, मस्तिष्क और पथरी में लाभदायक होती है। इसमें खनिज तत्व पोटेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा तथा विटामिन ’ए‘ की प्रचुर मात्रा विद्यमान होने के कारण पीलिया एवं जिगर की अन्य बीमारियों को भी दूर करने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, पालक का रस पीने से बुखार खत्म हो जाता है तथा फेफड़ों की सूजन घटने लगती है।
मेथी:- मेथी के रूप में हरी सब्जी की तरकारी पौष्टिक, पेचिश के दस्-रोकने वाली होती है। यही नहीं यह खाद्य पदार्थों के पाचन का सर्वोत्तम स्रो-है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद खांसी, बवासीर एवं मधुमेह जैसे रोगों का अं-हो जाता है जबकि पत्तियों का रस पीलिया रोग में अत्यन्-ही लाभप्रद रहता है।
इसके अलावा फेफड़ों एवं मूत्राशय की सूजन एवं यकृ-रोगों में गुणकारी पाया गया है।
बथुवा:- हरी सब्जियों के रूप में बथुआ कब्जिय-को खत्म करने एवं भूख वृद्धि में सहायक है। यह पाचन में हल्का होने की वजह से तिल्ली, अजीर्ण ज्वर आदि रोगों से निजा-हेतु सब्जी के रूप में प्रयोग करना लाभकारी होता है।
पत्तागोभी:- हरी सब्जियों की भांति यह भी पाचन में सहायक एवं खनिज तत्व गंधक एवं पोटेशियम इत्यादि से परिपूर्ण होता है। पत्तागोभी की पत्तियों का रस वायु उत्पन्न करने वाला, हृदय को बल प्रदान करने तथा पित्त, कफ आदि रोगों में गुणकारी पाया गया है। इतना ही नहीं, इसमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो जोड़ों के दर्द, रक्-की कमी और पथरी जैसी बीमारियों में असरकारक होता है। नेत्रा ज्योति बढ़ाने हेतु भी इसके रस को प्रयोग में लाया जा सकता है।
करेला:- हमारे अनमोल शरीर के रक्-को शुद्ध करने में करेले की सब्जी अपनी अहम भूमिका निभाती है। इसकी तासीर ठंडी एवं तीक्ष्ण है। इसलिए यह सब्जी के रूप में उपयोग करने पर पेट के कृमि नष्ट करता है जो शरीर निर्माण हेतु अति आवश्यक है। इसकी पत्तियों का रस रेचक होता है जो पित्-संक्रमण में प्रयोग किया जाता है और पैर के तलुओं में जलन होने की समस्या पर लगाया जाता है। इस प्रकार, करेला में मौजूद औषधीय गुण उसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देता है। इसीलिए प्रायः डॉक्टर ’अस्थमा‘ और ’मधुमेह‘ जैसी बीमारियों में करेला खाने की सलाह देते हैं।
गाजर:- गाजर को एक बहु-ही स्वादिष्ट एवं पौष्टिकता से भरपूर सब्जी माना जाता है तथा अचार, मुरब्बे, मिठाई आदि बनाने के काम में लाया जाता है। गाजर में विटामिन ’ए‘ प्रचुर मात्रा में विद्यमान होता है जो व्यक्ति के शरीर की आंखों की ज्योति एवं रतौंधी नामक बीमारी के लिए रामबाण औषधि माना जाता है। यही नहीं, स्वास्थ्यवर्धक गाजर का सलाद के रूप में इस्तेमाल कर कच्चा खाने से भी कई बीमारियों का शमन होता है।
खाने की टेबल पर इस तरह यदि हम रोजाना अपने भोजन की थाली में सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं तो निस्संदेह एक साथ स्वाद और सेह-दोनों का लाभ प्राप्-कर सकते हैं। वैसे भी स्वस्थ शरीर रखने हेतु सब्जियों से बेहतर कोई और चीज हो ही नहीं सकती। इसीलिए प्रायः सब्जियों के औषधीय गुणों की पहचान करते हुए नियमि-सेवन करना फायदेमंद सिद्ध होगा।
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