दिलेर समाचार, हिन्दुस्तान के दूसरे हिस्सों में रहने वाले दो-चार मछलियों से ही अपना काम चला लेते हैं- रोहू या मांगुर कतला या महाशीर। मगर जो लोग समुद्री तटवर्ती इलाके में रहते हैं उनकी जुबान पर समुद्री मछलियों का जायका एक बार चढ़ने के बाद उतरने का नाम ही नहीं लेता। मसलन मुंबई वालों को चपटी ‘पॉम्फ्रेट’ सबसे ज्यादा सोहाती है जिसे मराठी में ‘सारंगा’ कहते हैं। मछलियों के दो मुख्य भेद नदी के मीठे जल या पोखर में बड़ी होने वाली मछली तथा खारे पानी की मछली में किए जाते हैं। जो लोग नदी तालाब या समुद्र से दूर रहते हैं और कभी-कभार ही मछली खाते हैं उन्हें कांटे वाली मछलियां खाने में बहुत हिचक होती है।
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