दिलेर समाचार- दिल्ली हाई कोर्ट ने आज राष्ट्रीय राजधानी के पड़ोसी राज्यों से सवाल किया कि पराली को जलाने पर रोक के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं.
इसके पहले कहा गया था कि शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर के लिए पराली का जलाना मुख्य कारणों में से एक है.
न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति ए के चावला की पीठ ने उत्तर प्रदेश , हरियाणा , पंजाब और राजस्थान से कहा कि वे पराली जलाने पर रोक के लिए अदालत के पहले के आदेशों का पालन करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट पेश करें.
इसके साथ ही अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है.
मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने मंगलवार को कहा कि प्रत्येक 10 गांवों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें और पराली प्रबंधन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करें जो गांवों में जागरुकता कैंप लगाकर किसानों को जागरुक करेगी. इस कमेटी में एक एडीओ, ग्राम सचिव व एचएयू हिसार का छात्र शामिल होगा. मुख्य रूप से करनाल, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, सिरसा, अम्बाला जिलों में धान की बिजाई अधिक की जाती है तथा पराली जलाने की शिकायतें भी इन्हीं जिलों से आती हैं.
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