दिलेर समाचार, व्यक्ति के मनोभाव उसके संपूर्ण शरीर पर तद्अनुरूप प्रभाव डालते हैं। प्रसन्नचित हंसमुख रहने वाले का शरीर व स्वास्थ्य सही रहता है किंतु भावुक क्रोधी एवं तनाव में डूबे रहने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है।
इन मनोभावों से हमारे शरीर की संपूर्ण शारीरिक क्रियाएं भी प्रभावित होती हैं। ये मनोभाव हमारे स्वास्थ्य, शरीर और उसकी क्रियाओं की दिशाओं को बदल देते हैं। बोर होने, तनाव में या अवसाद में रहने एवं क्रोध करने से सभी गड्डमड्ड हो जाता है। ये मनोमस्तिष्क को मथ देते हैं और भोथरा बना देते हैं। ये शारीरिक क्रियाओं एवं स्वास्थ्य को चौपट कर देते हैं।
किसी भी मन विपरीत काम या बात से व्यक्ति बोर हो जाता है। ज्यादा बोर होनेे से जीवन शुष्क हो जाता है। निराशा हो जाती है। यह चिड़चिड़ापन लाता है, मन बेचैन होता है, आंखों की चमक व चंचलता खत्म हो जाती है। भूख नहीं लगती। अरूचि सवार हो जाती है, अतएव मनोभावों को सेहत व शरीर पर हावी न होने दीजिए। हर परिस्थिति, काम एवं बात का आनन्द उठाएं। हंसते मुस्कुराते मस्त रहिए।
बच्चों के होंठों का
चुंबन न लें
सामान्यतः सभी अपने सामने सुंदर व सुकोमल बच्चे को देखकर उसे पास बुलाते हैं और गोद में लेते हैं। अपने से चिपकाते हैं और प्यार से उसका चुंबन लेते हैं। यह सामान्य लोकाचार एवं सामान्य व्यवहार है। इसके पीछे अपनापन, स्नेह तथा प्यार छिपा होता है। बच्चे को चूमते समय कभी भी बालक के होंठों का चुंबन न लें क्योंकि बच्चे के होंठों का चुंबन लेने से चुंबन लेने वाले के मुंह की एवं अन्य बीमारियां शिशु को भी हो जाने का खतरा रहता है। अतएव शिशु से प्यार करें पर उसके होंठों का चुंबन न लें। माता भी ऐसा चुंबन न लें।
फलियों से रक्त वसा कम होता है
हमारे आहार में अनेक प्रकार की फलियां शामिल हैं जैसे चना, मटर, अरहर, सेम, ग्वार फली, फ्रेंच बीन आदि। इनमें प्रोटीन है, साथ में फाइबर व अनेक पौष्टिक तत्व हैं। ये रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह आदि रोगियों के लिए उपयुक्त हैं। ये वजन, मोटापा कम करते हैं और पित्त अवशोषक हैं। रक्त में मौजूद एवं खान पान में पाए जाने वाली वसा को कम करते हैं। वसा कोलेस्ट्राल बढ़ाती है और कोलेस्ट्राल हार्ट अटैक का कारण बनता है जबकि फलियां इससे हमें बचाती हैं।
काफी से पार्किंसंस रोगियों
को लाभ
चाय, दूध के बाद काफी तीसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पेय पदार्थ माना जाता है। काफी का उपयोग दुनियां भर में कई रूपों में किया जाता हैं। यह गर्म एवं ठंडा दोनों पेय के रूप में उपयोग होता है। इसमें चाय से दोगुना कैफीन की मात्रा हैं। यह उत्तेजक है और मूत्रावर्धक है। इसके सेवन से पार्किंसन की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। पुर्तगाल में हुए शोध के अनुसार दैनिक दो कप काफी पीने वाले को पार्किंसन होने की संभावना 25 प्रतिशत कम हो जाती है।
कसरत का बेहतर प्रभाव
युवावस्था में की गई कसरत का प्रभाव बुढ़ापे तक बना रहता है। व्यक्ति बुढ़ापे में स्वस्थ रहता है, वहीं वृद्धावस्था में कसरत करने से जवानी लौट आती है। इस कसरत से सर्वांग की सक्रियता बढ़ जाती है। इससे व्यक्ति चुस्ती फुर्ती व चंचलता से भर जाता है। व्यक्ति को सदैव कसरत अर्थात व्यायाम करना चाहिए। कसरत सामान्य हो। कसरत थकाने वाली, शरीर तोड़ने वाली कदापि न हो। अधिक कसरत से मांसपेशियां एवं कोशिकाएं प्रभावित होती हैं और व्यक्ति को नफे की बजाय नुकसान होता है।
सही भोजन और व्यायाम से कैंसर की संभावना को कम किया जा सकता है
प्रडयू यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ कन्स्यूमर और द फूड एंड न्यूट्रीशन सांइस अलाइंस के विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर का एक कारण सही भोजन का सेवन न करना और व्यायाम का अभाव है। इन विशेषज्ञों के अनुसार व्यायाम और सही भोजन कैंसर की संभावना को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अतिरिक्त धूम्रपान और वंशानुगत कारण भी कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं। कोलोन कैंसर का सबसे अधिक व प्रमुख कारण ही हमारा भोजन है।
विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर से बचने के लिए आवश्यक है फलों, सब्जियों, अनाज, दालों का अधिक सेवन। डिब्बाबंद भोजन, जिनमें वसा व चीनी की मात्रा अधिक होती है, उसका सेवन कम से कम करना चाहिए। अल्कोहल का सेवन भी न करें और सबसे अधिक जरूरी है नियमित व्यायाम।
तनावरहित रहना है तो नाश्ता कीजिए
हाल ही में हुए नवीनतम शोध के अनुसार जो लोग प्रतिदिन नाश्ता करते हैं, वे प्रतिदिन नाश्ता न करने वाले व्यक्तियों की तुलना में कम तनावपूर्ण रहते हैं। यही नहीं, जो व्यक्ति नाश्ता लेते हैं, वे धूम्रपान का सेवन भी कम करते हैं। इससे पूर्व भी एक अन्य शोध में यह पता चला है कि नाश्ता लेने वाले बच्चों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जो बच्चे नाश्ता नहीं लेते, वे न तो पढ़ाई में मन लगा पाते हैं और न ही उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा पाया गया, इसलिए अगर आप भी शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो प्रतिदिन नाश्ता लेना न भूलें।
सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ाते ये सेलुलर फोन
हाल ही में एक रिसर्च से यह पता चला है कि सेलुलर फोन रखने वाले व्यक्तियों को ड्राइविंग करते समय सड़क दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के विशेषज्ञों ने हाल ही में 699 ऐसे ड्राइवरों पर एक रिसर्च की जो मोबाइल फोन प्रयोग करते थे। इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि इन ड्राइवरों को ड्राइविंग करते समय दुर्घटना होने की संभावना चार गुना अधिक पायी गयी, इसलिए ड्राइविंग करते समय ध्यान सेलुलर फोन पर बातें करने में कम और सड़क पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि दुर्घटना न हो।
मसालों में छुपे हैं एंटी बैक्टीरियल गुण
भारतीय भोजन में मसालों का प्रयोग प्रारंभ से ही अधिक होता आया है या यह भी कहा जा सकता है कि मसाले भारतीय भोजन का विशिष्ट अंग हैं पर पिछले कुछ वर्षों में यह देखने को मिला कि लोगों में यह धारणा पायी गयी कि मसाले स्वास्थ्य के लिये अच्छे नहीं हैं पर इस धारणा का खण्डन किया हाल ही में अमेरिका में कॉरनेल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने। इनके अनुसार मसालों का भोजन में सेवन आपकी उम्र में कुछ वर्षों को जोड़ देता है।
इन विशेषज्ञों का मानना है कि मसालों में कुछ ऐसे एंटी बैक्टीरियल गुण हैं जो आपको इन्फेक्शन से दूर रखते हैं इसलिए इनका सेवन आपको अच्छा स्वाद तो देता ही है, साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी। मसालों में लहसुन, अदरक, लौंग, जीरा, काली मिर्च, प्याज, हल्दी आदि अपने में ऐसे तत्व लिए हुए हैं, जो स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालते हैं इसलिए इनका सेवन करते वक्त हिचकिचाएं नहीं।
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