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इस महापंचायत में खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले से खाप पंचायतों को दिक्कत नहीं है, मगर उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर अभिभावक अपनी बेटी की शादी जरूरी होने पर 18 साल की उम्र में करना चाहें तो इसके लिए उन्हें अनुमति होनी चाहिए.
खाप प्रतिनिधियों के अनुसार, छह घंटे तक चली महापंचायत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. महापंचायत में एक गोत्र के लड़के और लड़की की शादी को अमान्य करार दिया गया. इसके अलावा महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों से शादी की उम्र के निर्धारण के लिये उनकी राय जानी जाएगी और उनकी जो राय होगी उसे महत्व दिया जाए.
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महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले पर मंथन करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि 21 साल की उम्र अदालत में विवाह (कोर्ट मैरिज) के मामले में ठीक है. हालांकि इसके लिये माता-पिता की सहमति आवश्यक है. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर माता-पिता या अभिभावक जरूरी होने पर लड़की की शादी 18 साल की उम्र करना चाहें तो यह भी मान्य होना चाहिए.
इस खाप नेता सुबे समैण ने खाप महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह प्रतिबंध भी लगाए कि कोई भी शादी माता-पिता की सहमति के बगैर नहीं हो सकती. इस महापंचायत को अन्य खाप नेताओं ने भी संबोधित किया.
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