दिलेर समाचार, नई दिल्ली। भारत के लिए विश्व बैंक से उत्साहजनक खबर आई है। विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान भारत की जीडीपी दर 7.3 फीसदी रहेगी। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा था कि कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा निवेश की स्थिति सुधरने से चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी विकास दर 7.2 फीसद रहने का अनुमान है।
वहीं नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने बीते दिनों कहा था कि नए साल में सरकार का ध्यान विकास दर में तेजी लाने के लिए सुधार की गति को तेज करने पर रहेगा। नए साल में भारत की विकास दर 7.8 फीसद रहेगी। इस दौरान निवेश में और तेजी आएगी और निजी निवेश बढ़ेगा। विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि विकास दर में गिरावट को देखते हुए सरकार अगले आम चुनाव से पहले खर्च बढ़ाने को बाध्य हो सकती है और इसके कारण वित्तीय स्थिति दबाव में आ सकती है।
बहरहाल, सीएसओ के अनुसार चालू वित्त वर्ष में देश का जीडीपी (स्थिर मूल्यों पर) 139.52 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 139.11 लाख करोड़ रुपये था।
इस तरह चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसद रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 6.7 फीसद थी। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2015-16 में विकास दर 8.1 फीसद थी। लेकिन नवंबर, 2016 में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले और उसके बाद पहली जुलाई, 2017 से जीएसटी के क्रियान्वयन के चलते जीडीपी वृद्धि दर थोड़ी धीमी पड़ गई।
इसकी वजह से वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी विकास दर घटकर 7.1 फीसद और वित्त वर्ष 2017-18 में फिसलकर 6.7 फीसद के स्तर पर आ गई। सीएसओ के ताजा अनुमानों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में निवेश की स्थिति भी सुधर रही है।
चालू वित्त वर्ष में ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन 32.9 फीसद रहने का अनुमान है। पिछले साल यह 31.4 फीसद थी। जीएफसीएफ की वर्तमान दर बीते छह साल में सर्वाधिक है। सीएसओ के अनुसार अर्थव्यवस्था के आठ क्षेत्रों में से बिजली, गैस, जलापूर्ति व अन्य यूटिलिटी सेवाएं, कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग, लोक प्रशासन और रक्षा व अन्य सेवाओं की वृद्धि दर सात फीसद से अधिक रही है।
जहां तक अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र का सवाल है तो चालू वित्त वर्ष में 'कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन' क्षेत्र की वृद्धि दर 3.8 फीसद रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में यह 3.4 फीसद थी। हालांकि खनन क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र 0.8 फीसद रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 2.9 फीसद थी।
चालू वित्त वर्ष में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 8.3 फीसद रहने का अनुमान है जबकि 2017-18 में इसमें 5.7 फीसद ही वृद्धि हुई थी। बिजली, गैस, जलापूर्ति व अन्य यूटिलिटी सेवाओं की वृद्धि दर भी शानदार रहने का अनुमान है।
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