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वर्ल्ड कप 2019: ऋषभ पंत का चयन न होने पर उठे विवादों के बीच आई बड़ी खबर, बदल सकता है फैसला

Posted at: Apr 17 , 2019 by Dilersamachar 9990

दिलेर समाचार, मुंबई। आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के लिए चुनी गई टीम इंडिया में सबसे चौंकाने वाली बात ऋषभ पंत का टीम में न होना रही. पंत के टीम में न होने की कई दिग्गजों ने आलोचना की जिसमें गौतम गंभीर और सुनील गावस्कर शामिल है. इसमें अब भारत के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी भी शामिल हो गए हैं. घावरी का मानना है कि आईसीसी विश्व कप के लिए भारत की ‘अच्छी और संतुलित’ टीम चुनी गई है लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ऋषभ पंत को इस टीम में जगह बनानी चाहिए थी.

इस आधार पर चयन होने थी ज्यादा उम्मीद

पंत के न चुने जाने के कारण पर भी घावरी ने अपने विचार रखे. घावरी ने कहा कि दिनेश कार्तिक की बेहतर विकेटकीपिंग क्षमता के कारण संभवत: पंत ने टीम में दूसरे विकेटकीपर का स्थान गंवा दिया. सब जानते हैं कि पंत पिछले कुछ समय से टीम इंडिया में बतौर विकेटकीपर केवल टेस्ट टीम में ही चुने जा रहे थे. वनडे में धोनी के रहते भी कई बार उन्हें चुना गया था. ऐसे में उम्मीद कम ही थी की विकेटकीपर की वजह उनका चयन होगा.

इस वजह से बाहर होने की संभावना

घावरी ने टीम को तो बढ़िया और संतुलित बताया, लेकिन पंत के चयन की भी वकालत की. घावरी ने मंगलवार को  कहा, ‘‘मेरे मुताबिक यह काफी अच्छी और संतुलित टीम है लेकिन मुझे लगता है कि ऋषभ पंत को इसमें जगह बनानी चाहिए थी.’’ घावरी पंत के बतौर बल्लेबाज टीम में देखना चाहते हैं. लेकिन उन्होंने पंत के न चुने जाने के कारणों पर आगे कहा कहा, ‘‘चयनकर्ताओं और काफी लोगों ने सोचा कि विकेटकीपिंग क्षमता में उसके पास दिनेश कार्तिक का जवाब नहीं है. विकेटकीपिंग भी महत्वपूर्ण है.’’

फिर भी पंत को टीम में क्यों होना था?

घावरी के मुताबिक कार्तिक के बेहतर विकेटकीपर होने के बाद भी अगर पंत टीम में होते तो टीम की बल्लेबाजी मजबूत होती. घावरी ने पंत को एक बेहतर बल्लेबाज मानते हुए कहा, ‘‘लेकिन उसका टीम में होना फायदे की स्थिति होती क्योंकि मेरे अनुसार वह कहीं बेहतर बल्लेबाज है.’’ विश्व कप 1979 में भारतीय टीम का हिस्सा रहे घावरी ने कहा, ‘‘वे मैच विजेता हैं और अपने दम पर मैच जिता सकते हैं. लेकिन चयनकर्ताओं और कप्तान ने जो भी सोचा हो, मुझे लगता है कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ टीम चुनी है.’’

रायडू और विजय शंकर में से कौन?

घावरी का मानना है कि अंबाती रायुडू को विजय शंकर की जगह टीम में शामिल किया जाना चाहिए था लेकिन उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के खिलाड़ी की आलराउंड क्षमता ने उसका पलड़ा भारी किया. उन्होंने कहा, ‘‘शंकर के साथ फायदे की स्थिति यह है कि वह ऐसा बल्लेबाज है जो गेंदबाजी भी कर सकता है. इस टीम में 1983 की टीम की तरह चार-पांच आलराउंडर हैं जो बल्ले और गेंद से प्रदर्शन के अलावा क्षेत्ररक्षण में भी योगदान दे सकते हैं.’’

पंत के न होने पर भी चार विकेट कीपर हैं टीम में

चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष चंदू बोर्डे ने कहा कि अब टीम में तीन-चार विकेटकीपर हैं. उन्होंने कहा, ‘‘टीम में अब तीन या चार विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. एक महेंद्र सिंह धोनी, दूसरा कार्तिक, (लोकेश) राहुल भी विकेटकीपिंग कर सकता है और (केदार) जाधव भी. विकेटकीपर बल्लेबाजों के मामले में यह काफी अच्छी स्थिति है.’’ बोर्डे ने पंत को निराश नहीं होने की सलाह देते हुए कहा कि उनका भविष्य उज्जवल है.

ये भी पढ़े: चयनकर्ताओं को भारी पड़ सकता है अश्विन को नजरअंदाज करना

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