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युवराज ने खुद कबूला, इसलिए खत्म हो गया टेस्ट करियर

Posted at: Aug 7 , 2020 by Dilersamachar 9668

 दिलेर समाचार, नई दिल्ली. भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) भारत (India) के सबसे कामयाब खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं. उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब फिनिशर में शामिल किया गया है. सीमित ओवर क्रिकेट में युवराज का बल्ला जमकर बरसा था. उनके नाम कई अहम रिकॉर्ड भी हैं लेकिन उन्हें टेस्ट खेलने का बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला और युवराज को इस बात का अफसोस है.

 बड़े नामों के बीच नहीं मिला मौका

टाइम्स नाउ से बातचीत करते हुए कहा युवराज सिंह ने कहा कि अपनी जिंदगी के हर अनुभव से काफी कुछ सीखा है. अपने करियर की शुरुआत से लेकर कैंसर के खिलाफ जंग तक उन्होंने कई मुकाम हासिल किए और अनुभव ने उन्हें बेहतर बनाया. युवराज ने कहा कि उन्हें मलाल है कि करियर में उन्हें टेस्ट मैच खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले. 2011 वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरीज रहे इस खिलाड़ी ने कहा, 'जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे टेस्ट मैच खेलने के और ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे. उस दौरान सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी में मौका मिलना काफी मुश्किल था.'

 युवराज के मुताबिक जहां आज के खिलाड़ियों को दस से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने के मौके मिलते हैं वहीं उन्हें केवल एक-दो मौके ही मिलते थे. युवराज ने कहा, 'मिडिल ऑर्डर में जगह बनाना मुश्किल था. हमें कम मौके मिलते थे. मुझे लगता है मुझे मौका मिला जब सौरव गांगुली रिटायर हो गए थे लेकिन इसके बाद मुझे कैंसर हो गया और जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया.' हालांकि युवराज को अपने करियर पर गर्व है और खुशी है कि वह देश का प्रतिनिधितित्व कर पाए.

युवराज बन गए थे सिक्सर किंग

 युवराज सिंह ने करियर के दूसरे ही मैच से अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया था. उन्होंने 2002 नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. वहीं साल 2007 में हुए टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में छह छक्के लगाए थे. युवराज साल 2011 में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले हीरो साबित हुए थे. वह इस टूर्नामेंट के मैन ऑफ द मैच रहे थे. युवराज सिंह ने 40 टेस्ट में 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने तीन शतक और 11 अर्धशतक लगाए थे.

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