दिलेर समाचार,महाराष्ट्र के सांगली जिले के एक गांव में पिछले दो माह से हर रोज सुबह स्थानीय लोग दोस्ती का वो नजारा देखते हैं जो उन्होंने पहले कभी न देखा न सुना. सांगली जिले के येदेमछंदर गांव का साठ साल का किसान प्रकाश पाटिल हर सुबह एक कुएं पर अपनी दोस्त एक मछली से मिलने आता है. इतना ही नहीं मछली भी अपने दोस्त प्रकाश की पुकार सुनकर कुएं के पानी की सतह पर चली आती है और उससे दुलार करती है.
प्रकाश ने अपनी इस दोस्त मछली का नाम ‘नारायना’ रखा है. प्रकाश जैसे ही इस कुएं के पास आकर ‘‘नारायना नारायना’’ पुकारता है, मछली उसकी आवाज सुनकर पानी की सतह पर आ जाती है. प्रकाश पहले उसे दुलार से थपथपाता है और फिर उसे अपने हाथ में उठा कर प्यार करता है.
दो फुट से ज्यादा लंबी नारायना और प्रकाश की दोस्ती का यह नजारा सांगली के इस गांव के लोगों को भी बहुत प्रिय है. एक ग्रामवासी ने बताया ,‘‘हमने ऐसे दृश्य फिल्मों में देखे हैं लेकिन ये नजारा अविश्वसनीय है. आज के समय में जब इंसान, इंसान की बात नहीं सुनता, एक मछली इस किसान की पुकार सुनती है. ये इनकी दोस्ती का ही कमाल है.’’ जितनी कमाल की दोस्ती की यह कहानी है, इस मछली के इस कुएं में आने की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है .
प्रकाश पाटिल से जब उनकी इस चर्चित दोस्ती के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया ,‘‘हो सकता था कि नारायना उसी दिन पककर मेरे भोजन की थाली में आ गई होती जिस दिन कुछ ग्रामीणों ने इसे मेरे हवाले किया था.’’ उन्होंने बताया ,‘‘ वह तीन जुलाई का दिन था जब मैं अपने खेत जा रहा था. मेरा बेटा बालकृष्ण मेरे साथ था. कुछ लोगों ने इस मछली को पकड़ा था और इसे मेरे हवाले कर दिया ताकि मैं एक अच्छा भोजन कर सकूं लेकिन मैने ऐसा करने से इंकार कर दिया और इस मछली को नजदीकी कुएं के जल में छोड़ दिया.
एक दिन जब मैं इस कुएं से पानी निकाल रहा था तो इस मछली ने मेरी बाल्टी को जैसे जोर का धक्का दिया. वह दिन और आज का दिन, हम दोनों दोस्त बन गए और अब रोज मिलते हैं .’’ प्रकाश ने बताया ,‘‘हर रोज सुबह, मैं अपनी इस दोस्त को मिलने के लिए पुकारता हूं और वह जल की सतह पर आकर अपनी प्रतिक्रिया देती है और मुझे उसे थपथपाने और हाथ में उठाकर दुलार करने की अनुमति देती है.
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