दिलेर समाचार, अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Temple) बनने का रास्ता साफ हो गया है. मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट (श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट) का गठन भी किया जा चुका है. इस ट्रस्ट में 15 सदस्य हैं. साधु-संतों के अलावा कई सम्मानित नागरिकों व नौकरशाहों को भी इसका सदस्य बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रमुख सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) को ट्रस्ट के प्रमुख का दायित्व सौंपा गया है. मंदिर निर्माण शुरू किए जाने व इसकी रूपरेखा को लेकर ट्रस्ट के सदस्य कई बैठकें कर चुके हैं. निर्माण शुरू किए जाने की तारीख अब होली (Holi 2020) के बाद तय की जाएगी.
मिली जानकारी के अनुसार, 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' की अगली बैठक में राम मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख तय की जाएगी. ट्रस्ट के प्रमुख नृपेंद्र मिश्रा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना नवरात्रि से पहले पूरा हो सकता है.' उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण की शुरुआत की तारीख को अंतिम रूप देने के लिए होने वाली बैठक होली के बाद आयोजित की जाएगी.
बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तारीख को लेकर दो तिथियों पर विचार किया जा रहा है. पहली तिथि 'राम नवमी' (2 अप्रैल) है और दूसरी तिथि 'अक्षय तृतीया' (26 अप्रैल) है. इन दोनों तिथियों में से किसी एक दिन मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है.
बताते चलें कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' का प्रमुख बनाए जाने के बाद 1967 बैच के रिटायर्ड IAS अफसर नृपेंद्र मिश्रा बीते शुक्रवार पहली बार लखनऊ पहुंचे थे. वहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात के दौरान मंदिर निर्माण पर चर्चा की.
विश्व हिंदू परिषद के स्थापित रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रामविलास वेदांती ने राम मंदिर को लेकर कहा, 'ये विश्व का सबसे बड़ा मंदिर और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनेगा, इसलिए इसके निर्माण में राम जन्मभूमि परिसर की 67 एकड़ जमीन कम पड़ेगी. हो सकता है कि सरकार के गठित ट्रस्ट को भव्य मंदिर के निर्माण के लिए इस परिसर के आस-पास की भूमि का अधिग्रहण करना पड़े.'
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