दिलेर समाचार, नई दिल्ली । केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के राम लीला मैदान में आम आदमी पार्टी की महारैली के बाद एक के बाद एक दावे सामने आ रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक आप की रैली में शामिल हुए। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश से वे नाखुश हैं।
हालांकि, भाजपा ने केजरीवाल के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। भाजपा ने कहा कि दिल्ली में सत्ताधारी पार्टी द्वारा लालच देने के बाद भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रैली में शामिल नहीं हुए। बता दें कि केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को दिल्ली के राम लीला मैदान में आम आदमी पार्टी की महारैली हुई थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, "भाजपा के कई लोग अध्यादेश के खिलाफ रविवार को रैली में शामिल हुए। भाजपा के लोग भी कह रहे हैं कि मोदीजी ने अध्यादेश लाकर अच्छा नहीं किया।" सीएम केजरीवाल के इस दावे पर भाजपा ने जवाब दिया।
भाजपा ने ट्वीट करके कहा, "रैली में आप के ही लोग नहीं आए, कुर्सियां खाली थीं। 500 रुपये, किराए कार और खाना देने के बावजूद आपके फर्जीवाड़े को सुनने वाला कोई नहीं था। जनता जानती है कि आपसे बड़ा कोई पाखंडी नहीं हुआ।"
खास बात है कि केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया था, जिसे आप सरकार ने सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ धोखा बताया था। शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यकारी नियंत्रण में थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गैर-भाजपा दलों के नेताओं से दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए पहुंच रहे हैं। ताकि संसद में लाए जाने पर बिल के माध्यम से इसे बदलने की केंद्र की कोशिश विफल हो जाए।
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